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बीकानेर,कभी पश्चिमी राजस्थान का सबसे सुंदर अभयारण रहने वाला गजनेर अभयारण आज वन विभाग व प्रशासन की बेरुखी के कारण बदहाली के आंसू रो रहा है। रियासत काल में जब भी अग्रेंजी हकुमत के पदाधिकारी पश्चिमी राजस्थान में आते तो इसी अभयारण मे रुक कर इस मनोरम दृश्यों का आंनद लेते। राजा महाराजा भी अपने परिवार के साथ नियमित आते थे। विचरण करते थे।

2062.95 हेक्टर क्षेत्र में फैली सेंचुरी में सूअर, हिरण, नीलगाय,खरगोश,चिकारा,गीदड़,दुर्लभ जाति के काले हिरण,लोमड़ी,सहेली,जंगली बिल्ली सहित अन्य प्रजातियों के जंगली जानवर रहते है गर्मी के चलते सेंचुरी में जंगली जानवरों के पेयजल के लिए बनाया सुगनसागर तालाब पूरी तरह सूख गया है साथ ही अन्य छोटे पेयजल स्रोत सुख जाने से जंगली जानवर पानी पीने ग़जनेर पैलेस झील,चाडासागर तालाब पर आकर अपनी प्यास बुझा रहे है पेयजल के अलावा चराग्रह मैदान सुख जाने के चलते जंगली जानवरों के भूखे मरने की नोबत आ गई कुछ जंगली जानवर भोजन पानी की कमी के चलते नहरी क्षेत्रो की तरफ पलायन कर चुके है और कुछ भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रो की तरफ आने लगे है ऐसे में या तो आवारा कुत्तों का शिकार बन जाते है तो कई हाइवे सहित लीक सड़को पर वाहनों की टक्कर से अपनी जान गवा रहे है बुजुर्गों की माने तो रियासतकाल में जंगली जानवरों के लिए गर्मी में सेंचुरी में ही चारा व पेयजल की व्यवस्था की जाती थी जिसके लिए सेंचुरी में आज भी बनी खेलिया,पानी के कुंड उसका प्रमाण है जंगली जानवरों को चारे व पानी के लिए आबादी क्षेत्र में नही जाना पड़े उसके लिए सेंचुरी में व्यवस्था की जाती थी साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए सेंचुरी में सुरक्षाकर्मी नियुक्त थे चारो तरफ तारबन्दी, लोहे के गेट बनाये गए थे लेकिन रखरखाव के अभाव में सभी रियासतकालीन व्यवस्था असामाजिक तत्वों की भेंट चढ़ चुका है वर्तमान में वन विभाग द्वारा जंगली जानवरों के लिए ना तो चारे की व्यवस्था की जा रही है और ना ही पानी की ऐसे में बेजुबान जंगली जानवर भूख प्यास से दर दर भटकने को मजबूर है।

ग्रामीण राधेश्याम पर नरेंद्र सिंह कहते हैं कि रियासत कालीन में राज परिवार द्वारा इस अभियरण के जानवरों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती थी चाहे पानी हो या चारे की व्यवस्था गर्मी के दिनों के अंदर रियासत काल के लोग इनकी विशेष व्यवस्था करते थे लेकिन वर्तमान में अव्यवस्था होने के कारण यह जानवर आबादी भूमि आ जाते हैं जिससे कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी है जंगली सूअर आए दिन राहगीरों को अपना शिकार बनाते हैं।

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