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बीकानेर। बीकानेरी भुजिया व पापड़ का fssai लाइसेंस बनना हुआ दुर्लभ fssai पहले जहाँ बीकानेर का बीकानेर में ही बन जाता था अब उसे सेन्टर दिल्ली में बनाने की fssai
की कवायद है जिससे व्यापारियों के व्यापार करने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है जैसा कि सभी जानते है भारत में कोई भी food प्रोडक्ट बनाने के लिए सबसे पहली अनिवार्यता fssai लाइसेंस की है उसे बनाने के लिए पहले भी व्यापारियों को अपनी व्यवस्थाओ को नियमावली के अनुरूप करना होता था परंतु हाल ही में हुए बदलाव के कारण अब 12 लाख से ऊपर के टर्नओवर वाली फर्मो को लाइसेंस दिल्ली से बनाना पड़ेगा जो कि बहुत मुस्किल हो गया है यहां के व्यापारियो को क्योकि जहां 1500 रुपए 5 साल की फीस यहाँ के व्यापारी दे रहे थे उसी लाइसेस की 37500 रुपये 5 साल की सरकारी फीस उन्हें देनी होगी उसके साथ ही वहाँ के नियम इतने कड़े है कि हर किसी के लिए वहाँ के नोन्स पर खरा उतरना भी सम्भंव नही हो पा रहा है वैसे ही मन्दी ओर कोरोना कि मार झेल रहे व्यापारी लाइसेंस के लिए दिल्ली के चक्कर निकाल निकाल कर हैरान परेसान हो रहे है जब सभी सुविधाएं यहाँ पहले से उपलब्ध थी तो लाइसेंस का दिल्ली स्थानांतरण का कोई औचित्य ही नही था ऊपर से कई गुना बढ़ी हुई फीस जिसका व्यापारी हित में कोई सुविधा भी नही है और यहाँ बन रहे 12 लाख टर्नओवर से हम ऐसे समझ सकते है प्रतिदिन 3333 रुपये की बिक्री करने वालो को ही या यूं समझ सकते है अभी वर्तमान में पापड भुजिया 200 रूपये किलो माने तो दिन में
16 किलो माल बेच पाने वालों के लिए ही यानी लगभग 99%व्यापारियों को दिल्ली से बना लाइसेंस अनिवार्य होगा इसके साथ ही जिनके पहले से स्टेट gov से लाइसेंस बने हुए है उन्हें भी इसे दिल्ली से दोबारा बनवाना पड़ेगा चाहे उनकी लाईसेंस की एक्सपायर डेट में समय बाकी हो उन्हें भी नए के भांति दुबारा से अप्लाई करना होगा इन्ही शर्तो के साथ हालाकि उनका fssai नंबर परिवर्तित नही होगा पर नए के भाति समस्या का सामना करना पड़ेगा इस समस्या को ध्यान में रखते हुए भुजिया पापड़ एसोसिएशन ने पहले भी जनप्रतिनिधियों को इस समस्या के निवारण हेतु अवगत करवाया था पर कुछ भी सार्थक सामाधान न हो सका अगर लाइसेंस के लिए इस प्रकिया में व्यापक सुधार न हुवा तो आने वाले कुछ महीनों में पापड़ भुजिया के सैंकड़ों कारखाने बन्द हो जायेंगे

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