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बीकानेर, शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान द्वारा बीकानेर के इतिहास पुरुष, लालगढ़ पैलेस के पूर्व कॉर्डिनेटर ठा.दलीपसिंह का अभिनंदन किया गया। ठाकुर साहब को माल्यार्पण, शाल, अभिनंदन पत्र, साहित्यिक पुस्तकें अर्पित कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर दिलीपसिंहजी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर व्यापक चर्चा की गई।

सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि बीकानेर के विकास का इतिहास ठा. दलीपसिंहजी के बिना पूर्ण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि ठा. दलीपसिंहजी पूर्व महाराजा एवं पूर्व सांसद डॉ. करणीसिंहजी के साथ रहे हैं और राजतंत्र से लोकतंत्र तक की विकास यात्रा के साक्षी रहे हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अजय जोशी ने बताया कि ठा.दलीपसिंहजी ने बीकानेर में पेयजल की समस्या को नहर के पानी से निराकरण का सुझाव दिया व आम जनता को महाराजा से मिलवाने, उनके कष्ट दूर करवाने में सहायक रहे। लेखक अशफ़ाक कादरी ने कहा कि ठाकुर दलीपसिंहजी ने लालगढ़ पैलेस के कॉर्डिनेटर के पद पर रहते हुए ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण का बहुमूल्य कार्य किया। ठा.दलीपसिंहजी की सेवाओं और उपलब्धियों पर कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने अभिनंदन पत्र का वाचन करते हुए बताया कि दलीपसिंह जी ने महाराजा साहब का विश्वास जीतकर अपना मुकाम प्राप्त किया जिससे वे आम नागरिकों के हितैषी बने।

सम्मान से अभिभूत होते हुए लालगढ़ पैलेस के पूर्व कॉर्डिनेटर ठा.दिलीपसिंह ने युवाओं से जीवन मे हिम्मत नहीं हारने, लगातार मेहनत कर आगे बढ़ने की सीख देते हुए बताया कि प्रसिद्ध निशानेबाज, बीकानेर के सांसद करणीसिंह जी के जन्म शताब्दी वर्ष में चल रहे प्रत्येक कार्यक्रमों में जन जुड़ाव होना चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने स्तर पर बीकानेर ग्रामीण अंचल में बहुत काम किए थे। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाएं अधिक से अधिक शिक्षा हासिल करें, नाम रोशन करे, हुनर सीखें यह जरूरी हो गया है। कार्यक्रम में पार्षद डॉ.सुधा आचार्य, अजीतसिंह बेळासर, पूरणसिंह बीदावत, मनोहर सिंह बेळासर, पूर्णसिंह गुमांडा ने भी दलीपसिंह जी के बारे में अपने संस्मरण साझा किए। सभी के प्रति आभार अरविंदसिंह ने ज्ञापित किया।

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