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बीकानेर। स्वतंत्रता सेनानी अंबालाल माथुर की पुण्यतिथि पर एक संगोष्ठी एवं  वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोगन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक रामकरिशनदास गुप्ता ने बताया की राजस्थान दोहरी ग़ुलामी में जकड़ा हुआ था। अंग्रेज़ो  के ख़िलाफ़ अजमेर में चल रहे आंदोलन का प्रभाव समस्त राजस्थान में पद रहा था। स्वर्गीय अंबालाल माथुर ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाया।

डॉक्टर तनवीर मालवत व आनंद गुप्ता ने अपने अनुभव सुनते हुए कहा की स्व अंबालाल  माथुर हमेशा जैन हितों पर चिंतित रहते थे और चर्चा करते थे। उन्होंने पत्रक़ारिता व लेखन के द्वारा भी आंदोलन को गति प्रदान की।

साहित्यकार कमल रंगा ने उनके साथ बिताए पलों व राजस्थानी भाषा से जुड़े मसलो की चर्चा की। साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने गोष्ठी का संचालन करते हुए अपने लेखन व सक्रिय सामाजिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की स्वर्गीय अंबालाल माथुर के जीवन पर एक पुस्तक का प्रकाशन अवश्य किया जाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार संतोष जैन ने तुलनात्मक तौर पर पत्रक़ारिता के वर्तमान व इतिहास पर प्रकाश डाला।

युवा पत्रकार जयनारायण बिस्सा, श्याम मारू तथा भवानी जोशी ने अपने व्याख्यान में सभी को आश्वस्त करते हुए कहा की युवा पीढ़ी आज भी सामाजिक सरोकारों के प्रति चिन्तनशील है।

स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के सदस्य श्री सलीम उस्ता, भगवती प्रसाद पारीक ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की स्वर्गीय  मूलचंद पारीक व अम्बालाल माथुर ने मिल कर “आज का बीकानेर ” नामक पुस्तक प्रकाशित की, जो बीकानेर के विकास का आधार बनी। श्री राकेश पारीक एवं संतोष व्यास आदि ने भी भावपूर्ण विचार प्रकट किए।

डॉक्टर प्रेम नारायण माथुर ने याद करते हुए कहा की हमने उनके साथ गौरव व मर्यादापूर्ण समय बिताया। श्री दिनेश चंद्र सक्सेना, पूर्व संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क एवं राजेन्द्र भार्गव ने तटस्थ व निर्भीक पत्रकारिता के लिए माथुर को याद किया।

इस अवसर पर अनेक पत्रकार, साहित्यकार, एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे व वृक्षित फ़ाउंडेशन के सोहेल भाटी व अन्य युवाओं ने वृक्षारोपण कार्यक्रम सफल बनाया।

शांति मैत्री मिशन संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सभी उपस्थित महानुभावों को  कपिल गौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सामाजिक कार्यकर्ता अंकिता माथुर ने आश्वस्त किया कि लोक चेतना का यह सिलसिला हमेशा चलता रहेगा।

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