
बीकानेर,बीकानेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल, प्रिंस बिजय सिंह मेमोरियल (पीबीएम) अस्पताल, में जैसलमेर के एक आर्थिक रूप से कमजोर मरीज, गज्जे सिंह (69 वर्ष), के दाहिने जांघ से 2.8 किलोग्राम की गांठ (सॉफ्ट टिश्यू सार्कोमा) को सफलतापूर्वक निकाला गया। यह जटिल सर्जरी राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों के अनुरूप निःशुल्क की गई, जिसके तहत आधार कार्ड या किसी योजना के अभाव में भी मरीजों को इलाज से वंचित नहीं किया जाता।
मरीज, जो जैसलमेर के बडाना गांव का निवासी है, इस बड़ी गांठ के कारण चलने-फिरने में असमर्थ था। सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोहर लाल दवा के मार्गदर्शन में इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। गांठ का आकार 26 सेमी × 15 सेमी × 15 सेमी (लगभग 5.85 लीटर) था, और इसका वजन करीब 3 किलोग्राम था। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन की ओर अग्रसर है।
इस सर्जरी में डॉ. धर्मवीर (सह-आचार्य), डॉ. दीवान (सहायक आचार्य), रेसिडेंट डॉक्टर्स डॉ. आदित्य, डॉ. चेतन, डॉ. उद्देश, डॉ. अनिल, और डॉ. पुलकित ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डॉ. कांता भाटी के निर्देशन और नर्सिंग इंचार्ज कौशल्या के नेतृत्व में ओटी ए-ब्लॉक की नर्सिंग टीम का भी विशेष सहयोग रहा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मानवीय पहल के तहत राजस्थान सरकार ने अज्ञात, लावारिस, और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए निःशुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की है। इस मामले में, मरीज किसी योजना के अंतर्गत नहीं था, फिर भी पीबीएम अस्पताल ने मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करते हुए मुफ्त उपचार प्रदान किया।
पीबीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने लोगों से अपील की है कि शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ होने पर तुरंत शल्य चिकित्सक से परामर्श लें, ताकि समय रहते उचित उपचार हो सके। यह सफल सर्जरी न केवल मरीज के लिए नया जीवन लेकर आई, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजस्थान सरकार और पीबीएम अस्पताल जरूरतमंदों के लिए कितने संवेदनशील और प्रतिबद्ध हैं।