Trending Now

 

बीकानेर,जिस महिला की 13 साल पहले मौत हो गई, उसके नाम की दूसरी महिला खड़ी कर 50 बीघा जमीन बेच दी और 9 लाख रुपए हड़प लिए। धोखेबाजों ने साजिश रचकर सोलर प्लांट के लिए जमीन लेकर रखने वाले व्यापारी को जाल में फांसा और फर्जी कागजात तैयार कर 27.50 लाख रुपए में जमीन का सौदा कर लिया।

पुरानी गिन्नाणी में भैंरूं चौराहा निवासी रामी देवी पत्नी चंदपाल सिंह की दो अगस्त, 11 में ही मृत्यु हो गई थी। उसके नाम से पूगल तहसील के भानीपुरा में खसरा नंबर 4/4 में 12.6464 हेक्टेयर यानी 50 बीघा कृषि भूमि थी। उसके वारिस बीकानेर से बाहर गुजरात और अन्य स्थानों पर रहते थे। इसकी जानकारी जमीनों का काम करने वाले कोलायत निवासी मास्टर माइंड बीरबलराम पंचारिया को हुई तो उसने फर्जी तरीके से जमीन बेचने की प्लानिंग कर ली। उसकी मुलाकात सोलर कंपनियों को प्लांट के लिए जमीन दिलाने वाले लूणकरणसर में सुरनाणा निवासी मालाराम सारस्वत से हो गई।

बीरबलराम ने तय कर लिया कि भानीपुरा की 50 बीघा जमीन फर्जी तरीके से मालाराम को बेचेगा। इसके लिए उसने अपने रिश्तेदार लूणकरणसर में मकड़ासर निवासी हरिराम जोशी से संपर्क किया। हरिराम ने गांव में ही रहने वाली अनपढ़ महिला गुलाब कंवर को लोन दिलाने और रुपयों का लालच देकर तैयार किया और नकली रामी देवी बना दिया। इस दौरान बीरबलराम ने रामी देवी की 50 बीघा जमीन की जमाबंदी हासिल कर ली। पूरी तैयारी के बाद कोलायत में उपरला बास निवासी रणजीतसिंह को साजिश में शामिल किया और पेंपाराम को साथ मिलकर फर्जी कागजात और जमाबंदी दिखाकर मालाराम को जमीन खरीदने के लिए तैयार कर लिया।

नकली रामीदेवी और उसके बेटे प्रेमसिंह को कचहरी परिसर ले जाया गया। वहां 500 रुपए के स्टांप पेपर पर रामदेवी के नाम से फर्जी लिखापढ़ी करवाई और इकरारनामा तैयार कर 27.50 लाख रुपए में मालाराम को 50 बीघा जमीन बेच दी। बदले में मालाराम ने 3 लाख रुपए नकद और 3 लाख रुपए चेक दिया। मूल बयनामा बाद में करना तय हुआ। उसके जालसाजों ने रामी देवी के बेटे की शादी बताकर मालाराम से 3 लाख रुपए और ले लिए। इस दौरान मालाराम किसी काम से तहसील कार्यालय पहुंचा तो पता चला कि रामी देवी की तो 13 साल पहले ही मृत्यु हो चुकी और बीकानेर से उसका मृत्यु प्रमाण-पत्र भी जारी हो चुका है।

उसके वारिस इंतकाल की कार्यवाही करवा रहे हैं। पूरे दस्तावेज देखने के बाद मालाराम के होश उड़ गए। उसे नकली रामी देवी लाकर जमीन बेचने का पूरा मामला समझ में आ गया। जालसाजों से संपर्क किया तो उन्होंने रुपए देने से इंकार कर दिया। पीड़ित ने सदर पुलिस थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की छानबीन कर नकली रामी देवी बनी गुलाब कंवर, उसके बेटे प्रेमसिंह, रणजीतसिंह, गवाह बने देवकिसन और पेंपाराम को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। मास्टर माइंड बीरबलराम फरार है जिसकी तलाश की जा रही है और हरिराम ने गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है।

3 लाख रुपए डलवाने तीसरी रामी देवी ले आए : आईओ

मामले की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी सदर थाने के एसआई महेन्द्रसिंह ने बताया कि जालसाजों से योजनाबद्व तरीके से अपने काम को अंजाम दिया। खरीदार मालाराम से 6 लाख रुपए लेने के बाद 3 लाख रुपए और लेने के लिए तीसरी रामी देवी ले आए। आरोपियों ने मालाराम से कहा कि रामी देवी को अपने बेटे की शादी के लिए 5 लाख रुपए और चाहिए। मालाराम ने अपने दोस्त भंवरलाल जांगिड़ से 3 लाख रुपए रुपए रामी देवी के खाते में डलवाने के लिए कहा।

आरोपियों ने नोखा निवासी दिनेश कुमार पंचारिया से संपर्क किया और उसकी पत्नी रामी देवी पंचारिया का ओरिएंटल बैंक खाता नंबर लेकर मालाराम को दे दिया। उसने खाते में 3 लाख रुपए डलवा दिए। यह रुपए बीरबलराम ने हासिल कर लिए। मास्टर माइंड बीरबलराम पंचारिया ने अपने रिश्तेदार, जानकारों के साथ फर्जीवाड़ा कर रामी देवी के नाम से जमीन बेची और 9 लाख रुपए हड़प लिए। पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। हरिराम पर भी आरोप प्रमाणित है, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे है। मास्टर माइंड बीरबल फरार है।

सोलर कंपनियों को जमीन बेचकर मुनाफा कमाने में फंसा मालाराम

बीकानेर जिले के ग्रामीण इलाकों में सोलर कंपनियों प्लांट लगाने के लिए जमीनों की तलाश में रहती है। बज्जू बीकमपुर, पूगल इलाकों में जमीन खरीदने के लिए होड़ लगी रहती है। कंपनियों के प्रतिनिधियों की कोलायत निवासी मालाराम सारस्वत से भी मुलाकात हुई।

मालाराम सोलर कंपनियों को जमीन बेचने के लिए पूगल तहसील के काश्तकारों से संपर्क साध जमीने‌ं खरीद रहा था। इस सिलसिले में उसकी मुलाकात कोलायत निवासी बीरबलराम पंचारिया और कैलाशचन्द पंचारिया से हुई। ये दोनों पूगल व उसके आसपास के इलाके में काश्तकारों की जमीन मौखिक तौर पर खरीद कर अपने कमीशन सहित मालाराम सारस्वत को बेचकर रजिस्ट्री करवाने लगे। मालाराम का इन दोनों पर विश्वास जम गया। इसी दौरान बीरबलराम को रामी देवी की जमीन का पता चला और उसने साजिश रच ली। मालाराम को सस्ती जमीन दिलाने और बाद में उसे सोलर कंपनियों को बेचकर बड़ा मुनाफा कमाने का झांसा दिया।

Author