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बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय में फील्ड पशुचिकित्सकों हेतु छोटे पालतु पशुओं में पिनींग एवं प्लेटिंग तकनीक द्वारा फ्रेक्चर प्रबन्धन के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण शुरू किया गया है। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि पशुचिकित्सा का क्षेत्र बहुत व्यापक है इसमें विभिन्न प्रकार के कौशल की आवश्यकता रहती है। वर्तमान परिपेक्ष में प्राइवेट क्षैत्र में पशुचिकित्सकों का स्कोप एवं रूझान बढ़ रहा है अतः पशुचिकित्सकों एवं छात्रों को पशुओं के ईलाज की विभिन्न पद्धतियों से निपुण होने की आवश्यकता है। इस तरह के प्रशिक्षणों का आयोजन ना केवल कौशल विकास बल्कि पशुचिकित्कों का मनोबल बढ़ाने एवं स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने में सहायक होते है। प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ. प्रवीण विश्नोई ने बताया कि मानव संसाधन विकास निदेशालय के अन्तर्गत डिमिस्का प्रोजेक्ट के तहत यह पाँच दिवसिय प्रशिक्षण दिनांक 25 से 29 जुलाई तक आयोजित किया जायेगा। इस प्रशिक्षण में देश के विभिन्न राज्यों से कुल 20 पशुचिकित्सक भाग ले रहे है। इसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा कुल 10 व्याख्यान एवं 5 प्रेक्टिकल प्रदर्शन रखे गये है। प्रशिक्षणार्थियों को श्वानों के कंकाल की आन्तरिक संरचना, विभिन्न आर्थोपेडिक उपकरणो की जानकारी, फ्रेक्चर प्रबन्धन हेतु विभिन्न तकनीके बोन प्लेटिंग, स्क्रू एवं पिनींग तकनीक आदि विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. आर. के. सिंह, निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमन्त दाधीच, निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. आर.के. धूड़िया, निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, निदेशक क्लिनिक्स प्रो. जे.एस. मेहता एवं सर्जरी विभाग के शिक्षकगण मौजुद रहे।

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