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बीकानेर,साइक्लिंग के बलबूते राजस्थान की देश-दुनिया में पहचान कायम करने वाले बीकानेर में चार दशक पुराना साइकिल कैलोइम अब इतिहास बनकर रह जाएगा। इस वैलोइम पर साइकिल दौड़ाकर 85 लड़के-लड़कियां इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीत चुके है। साल 2015 में वसुंधरा सरकार के समय साइकिल बैलोइम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत कर जिला प्रशासन को भेजे गए परन्तु छह साल में साइकिल बैलोइम के निर्माण में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। अब डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में जीर्णशीर्ण हालात में पड़े साइकिल कैलोइम को तोड़कर नया मल्टीगंज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी है। इसके बाद तो नया बैलोइम बनाने का मुझ ही समाप्त हो जाएगा।

आकार नहीं ले पा रही साइकिल एकेडमी

साल 2018 में बीकानेर में सरकारी साइकिल एकेडमी स्वीकृत की गई।
साल 2019 में प्रशिक्षणार्थियों को प्रवेश दिए गए लेकिन इसके बाद कोरोना के चलते दो साल से बंद है। यह एकडेमी भी किराए के भवन में संचालित हो रही है। एकेडमी स्वीकृत होने के बाद यहां स्टेडियम में नया बैलोइम बनने की उम्मीद बंधी थी, जिस पर एकेडमी के प्रशिक्षणार्थी साइकिल दोहाने का अभ्यास कर पाते।

2015 में बजट भी मिला

बीकानेर से साइक्लिंग में कई नामी
खिलाड़ी निकले है। यहां पर साइकलिंग का क्रेज भी है। पूर्व महाराजा करणी सिंह ट्रस्ट ने 1979 80 में लाखों रुपए की लागत से डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में साइकिल बैलोइम का निर्माण कराया। साल 2015 में राज्य सरकार ने साइकिल बैलोइम का पुनः निर्माण कराने के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत किए। तब अधिकारियों ने पुराने बैलोइम को तोड़ने पर लाखों रुपएको लागी फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी।

2001 में नेशनल, 2005 में स्टेट चैम्पियनशिप

डॉ.करणीसिंह स्टेडियम के साइकिल बैलोइम पर साल 2001 में अंतिम नेशनल चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ। इसके बाद 2005 में स्टेट चैम्पियनशिप का आयोजन खिलाड़ी याद ही साइकिल वैलोइम गया। कुछ साल तक की मरम्मत कर उपयोग करते रहे।करीब एक दशक से हालत ज्यादा करनी छोड़ दी। खराब होने पर इस पर प्रैक्टिस

स्टेडियम में बने नया वैलोड्रम

डॉ. करणीसिंह स्टेडियम के पुराने वैलोडम की जगह नया वैलोइम बनाने से यहां नए साइक्लिस्ट बेहतर प्रैक्टिस कर पाएंगे। साल 1995 से अब तक बीकानेर के साइक्लिस्ट हजारों मेडल जीतकर ला चुके हैं। स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स किसी दूसरी जगह भी बनाया जा सकता है, यहां तो बैलोइन ही बनाया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा।किशन पुरोहित, अंतरराष्ट्रीय साइक्लिंग कोच बीकानेर

कॉम्पलेक्स के लिए प्रस्ताव

स्टेडियम में बने पुराना साइकिल वैलोइम अर्थ उपयोग में नहीं लिया जा रहा है। पहले स्टेडियम में अन्य जगह स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के लिए प्रस्ताव बनाया। जिला प्रशासन से विचार विमर्श के बाद इस वैलोइम की जगह का उपयोग कॉम्पलेक्स निर्माण के लिए करने का निर्णय किया गया है। इस जगह पर मल्टीपर्पज स्पोट्र्ट्स इंडोर कॉम्पलेक्स बनाने का प्रस्व भेजा है। तकनीकि टीम जगह की नपाई भी कर चुकी है। वैलोइम के 60 मीटर चौड़े और 90 मीटर लम्बे हिस्से का उपयोग किया जाएगा।कपिल मिर्धा, जिला खेल अधिकारी,बीकानेर

कॉमनवैल्थ,एशियाड तक धाक

बीकानेर में साइक्लिंग का फेज पांच दशक से है। यहां के दर्जनों साइक्लिस्ट कॉमनवेल्थ एशियाड समेत अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में मेडल जीत चुके हैं। साल 1980 में साइक्लिस्ट गणेश सुधार एशियाड में पहले विजेता बने एशियन गेम्स समेत इंटरनेशनल गेम्स में गिरिराज रंगा, गंगाधर हरिजन, हीराराम चौधरी ने साइक्लिंग की। कॉमनवेल्थ और अन्य इंटरनेशन खेलों में राकेश जाखड़, राजेन्द्र बिश्नोई, पाना चौधरी, ज्ञानाराम सहारण, सुरेश विश्नोई ने भाग लिया। एशियन गेन्स मेडलिस्ट दिनेश वर्ड, देवकिशन सहारण, प्रेम बिश्नोई,साउथ एशियन गेम्स में मनोहर लाल गोल्ड मेडलिस्ट रहे।

साढ़े सात करोड़ से बनेगा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स

मुख्यमंत्री ने बजट में बीकानेर में मल्टीपर्पज इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाने की घोषणा की। इसके लिए साढ़े सात करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया गया। पहले इसके निर्माण के लिए आवश्यक 4700 वर्गमीटर जगह डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में गेट के दायीं तरफ चिह्नित की गई। बाद में जिला प्रशासन और जिला खेल अधिकारी ने जगह बदलकर साइकिल वैलोइम के स्थान पर कॉम्पलेक्स बनाने का प्रस्ताव दिया। जयपुर से टीम आकर इस जगह का नाप भी करके जा चुकी है। अब निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शेष है।

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