
बीकानेर,राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर पर आज शुभ मुहूर्त में अश्व प्रजनन प्रयोगशाला भवन की आधारशिला प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने रखी । इससे पूर्व उन्होंने प्रजनन इकाई प्रमुख डॉ तिरुमाला राव ताल्लुरी एवं केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सुभाष के साथ विधिपूर्वक भूमि पूजन किया । इस अवसर पर डॉ मेहता ने कहा की अश्व अनुसंधान केन्द्र बीकानेर देश का एकमात्र ऐसा केन्द्र है जिसने स्वदेशी अश्वों में कृत्रिम गर्भाधान एवं भ्रूण प्रत्यर्पण तकनीक को मानकीकृत किया एवं पूरे देश में तकनीकी हस्तांतरण के माध्यम से फैलाया । इस कार्य में डॉ तिरुमाला राव ताल्लुरी का योगदान प्रशंसनीय है एवं इन्होंने ही स्वदेशी अश्व नस्ल के भ्रूण विट्रीफाई करने में सफलता प्राप्त की है । उक्त प्रयोगशाला भवन को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा एवं बायो सेफ्टी नॉर्म्स के अनुसार उच्च गुवात्ता के वीर्य का संरक्षण किया जाएगा जिससे अश्व संरक्षण एवं संवर्धन में मदद मिलेगी । उन्होंने पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ राव के नेतृत्व में इस प्रयोगशाला में अश्व प्रजनन में नये आयाम स्थापित होंगे । इसी क्रम में डॉ मेहता ने बताया की इस भवन पर वर्तमान में 55 लाख रुपये खर्च किए जाएँगे एवं अश्व संग्रहालय को और परिष्कृत करने के लिए 20 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं । इस अवसर पर अश्व प्रजनन इकाई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ तिरुमाला राव ताल्लुरी ने कहा कि इस भवन में देश में पाई जाने वाली समस्त अश्व प्रजातियों के लिए नेशनल सिमन बैंक बनाया जाएगा जिससे उनकी गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी । अश्व भ्रूण विट्रीफिकेशन तकनीक का प्रयोग वृहद स्तर पर हो सके इसके लिए एम्ब्र्यो बैंकिंग भी किया जाएगा । यह प्रयोगशाला आई एस ओ एवं एन ए बी एल से भी एक्रीडेट होगी एवं तकनीकी हस्तांतरण हेतु प्रशिक्षण की सुविधा भी इस भवन में प्रदान की जाएगी । हमारा प्रयास रहेगा की यह प्रयोगशाला पुरे देश को समय समय पर अत्याधुनिक तकनीक प्रदान कर सके । इस अवसर पर केन्द्र के अधिकारी नरेन्द्र चौहान, सत्यनारायण पासवान, गोपाल, महेंद्र सिंह, करण सिंह, सुहैल, मनोज आदि उपस्थित थे ।