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बीकानेर के पूर्व राजपरिवार की सदस्या के नाते होली का पर्व यहां की जनता के साथ मेरे लिए भी खास रहा है और आज भी है। बचपन से देखती आई हूं कि किस तरह होली की हर परम्परा राजपरिवार से जुड़ी रही है। यहां जूनागढ़ में होलिका दहन के बाद पूरे शहर में अलग-अलग जगह होलिका दहन की परम्परा रही है। धुलेंडी के दिन भी अबीर-गुलाल के साथ जूनागढ़ में राजपरिवार के सदस्य और आमजन होली मनाते हैं। परम्परा का निर्वहन आज भी जूनागढ़ की चंग पार्टी चंग धमाल का होली पर नियमित कार्यक्रम जूनागढ़ के बाहर करती हैं। राजपरिवार के लिए पूरा परकोटा ही परिवार रहा है। राजमाता सुशीला कुमारी आज भी तिलक होली के साथ धुलेंडी के दिन रंग खेलने की शुरुआत करती है। राजपरिवार से अनवरत सालों से चल रहा है। जुड़े लोग और शहर के आमजन होली खेलने आते हैं। रंग-गुलाल के साथ होली की राम-राम और उत्सव का उल्लास में बीकानेर पूर्व की विधायक के नाते मैं सिद्धि कुमारी भी तहेदिल से शामिल होती हूं। बीकानेर के लोगों में राजपरिवार और रियासतकालीन परम्पराओं के प्रति आज भी सालों पहले की तरह मान-सम्मान है। पूर्व राजपरिवार और बीकानेर की विधायक के नाते में भी जनता के साथ खड़ी हूं।

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