बीकानेर ,पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के जनक थे। आज जिस डिजिटल इंडिया की चर्चा है, उसकी संकल्पना राजीव गांधी अपने जमाने में कर चुके थे इसीलिए उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है। स्व. राजीव गांधी की पहल पर अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर पार डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT)की स्थापना हुई जिसके परिणामस्वरूप से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ, जगह- जगह पीसीओ खुले, गांव की जनता भी संचार के मामले में देश-दुनिया से जुड़ सकी। फिर 1986 में राजीव जी की पहल से ही MTNL की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई। इसी तरह स्व. राजीव जी कंप्यूटर क्रांति के जनक भी थे उनके भागीरथी प्रयास से ही कंप्यूटर घर घर तक पहुंचा। उस दौर में कंप्यूटर लाना इतना आसान नहीं था। तब कंप्यूटर्स अत्यंत महंगे होते थे, राजीव जी के निर्देशों पर कंप्यूटर उपकरणों के आयात पर शुल्क में कटौती की गई साथ ही ऐसेंबल किए हुए कंप्यूटर्स का आयात शुरू करवाया तथा कंप्यूटर घर घर तक पहुंचा। राजीव जी के निर्देशन में 6 प्रौद्योगिकी मिशन भी गठित किये गए। यह उदगार थे सेवादल शहर अध्यक्ष शिवशंकर हर्ष के और अवसर था सेवादल द्बारा प्रस्तावित तीन दिवसिय राजीव गांधी जयंती के दुसरे दिन के कार्यक्रम ” सूचना तकनीक, दूरसंचार क्रांति और राजीव गांधी का राष्टृ निर्माण मे अस्मर्णिय योगदान और स्थान था Ssi कंप्यूटर जहा it प्रोफेशनलस का अभिनन्दन कर प्रतीक स्वरूप राष्ट्रीय ध्वज भी सौपा गया।
वरिषठ नेता नृसिह दास व्यास ने ऐपनेट कम्प्यूटर सेंटर में सूचना प्रोधोगिकी में राजीव जी के योगदान पर परिचर्चा की मे कहा कि स्व गांधी ने जिस समय ये क्रांतिकारी कदम उठाया तब ऐसा करना विकसित देशों के लिए भी असम्भव था। कम्प्यूटर प्रोफेसर विनोद पुरोहित ने बताया राजीव जी के प्रयासों से आज आई टी क्षेत्र से भारत ने विश्व में ख्याति अर्जित की है तथा IT क्षेत्र देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला और विदेशी मुद्रा अर्जन करने वाला क्षेत्र बन गया है। आज देश के लाखों युवा विदेशों में बड़ी कम्पनियों में अपना व देश का नाम रोशन कर रहे हैं। इसे हमारी विकास और सेवाओं की गति का आधार कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।
वही टेक्नोसेवी अमित व्यास ने याद दिलाते हुए बताया कि राजीव गांधी सरकार की इस क्रांति का विरोध कुछ संकुचित मानसिकता वाले संघी नेतायो ने किया ,यहा तक कि उन्होंने बैलगाड़ियों पर प्रदर्शन किया, बेरोजगारी बढ़ने के नाम पर युवाओं को गुमराह किया लेकिन सब कुछ समय ने गलत साबित कर दिया और आज राजीव जी सकरात्मक सोच का लोहा दुनिया मानती हैं।
देशवासियों को ताज्जुब तो तब हो रहा है जब इसी ओछी सोच के लोग इसी सूचना प्रौद्योगिकी ताकत का बेजा व गलत इस्तेमाल राज प्राप्त करने, देश के इतिहास को भोली भाली जनता के सामने गलत तरीके से रखने, विपक्षी पार्टियों को बदनाम कर दबाने और अनर्गल सामग्री उपलब्ध करवा कर युवाओं को नकारात्मक व शिथिल बनाने में कर रहे हैं। सेवादल का अब प्रयास रहेगा युवाओं को इस माहौल से बाहर निकाल कर फिर से सक्रिय, रचनात्मक और राष्ट्र की मुख्यधारा में लाया जाए। अध्यक्ष शिवशंकर हर्ष के सानिध्य मे हुए इस कार्यक्रम मै अमित व्यास, जतिन व्यास, सुनील सोनी, नरेंद्र रंगा, मदन बोहरा वासुदेव गहलोत,योगेश पालीवाल,देवेंद्र चौहान,मुकेश गोस्वामी,ऐजाज पठान,ज़ाकिर,अकबर अली , सुभम गहलोत,नजाकत अली,भरत कुमार पुरोहित और सुमनेश रंगा सहित असंख्य लोगो ने कार्यक्रम की सोभा बढाई।