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बीकानेर पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने राज्य सरकार की 15 दिसम्बर 2021 की मंत्री मण्डल कि बैठक में लिये गये निणर्य गौचर-चारागाह, औरण भूमि पर काबिज लोगों को पट्टे जारी करने का विरोध किया है।

भाटी प्रवक्ता सुनील बांठिया के अनुसार पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर राज्य सरकार की मंत्री मण्डल कि बैठक में गौचर-चारागाह, ओरण पर हुए अतिक्रमणों के पट्टे जारी करने के निणर्य का पुरजोर विरोध किया है ।
भाटी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हमारे पूवर्जों, दानदाताओं ने भारतीय संस्कृति व पशुपालन को बचाने के लिए हजारों बीघा जमीन पशुओं के चारागाह के लिए समाज व शहर को दान स्वरूप प्रदान की थी लेकिन पिछले कुछ वषोर्ं में असामाजिक तत्वों द्वारा उक्त भूमि पर अनाधिकृत कब्जे किये जा रहे है। राज्य सरकार कब्जे हटाने में असहाय सी लग रही है अब उन्हे पट्टे जारी कर कानूनी जामा पहनाने में लगी है जो कि राज्य सरकार की निबर्लता प्रदशिर्त कर रही हैं ।  उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीकानेर में पूवर्जों द्वारा गोचर भूमि के रूप में छोड़ी गयी 23 हजार बीघा जो कि अतिक्रमणियों के निशाने पर थी । उसे शहर के ही दानदाताओं व पशु प्रेमियों द्वारा अपने खर्च पर चालीस किलोमीटर दिवार बनाकर पूरे राज्य में एक मिसाल कायम की हैं ।  उक्त भूमि से कब्जाधारी भी स्वेच्छा से कब्जे हटाकर चारागाह की भूमि को पशुओं के लिए छोड़ दिया ।
बांठिया के अनुसार इस संबंध में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी से पूरे राज्य के पशु प्रेमी सम्पकर् कर रहे है और राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ आवाज बुलन्द करने का कह रहे है ज्ञात रहे है कि माननीय न्यायालयों ने भी प्रदेश की सरकारों को गौचर-चारागाह, ओरण, पायतान तालाब पर किसी भी प्रकार के हुए अतिक्रमणों को हटाने के लिए निदेर्शित करते हुए उनकी भूमि संरक्षित रखने के लिए पाबंद किया है ।
बांठिया के अनुसार भाटी ने मुख्यमंत्री को आगाह किया है कि अपने इस निणर्य को तुरन्त वापस लें अन्यथा पूरे राज्य के सभी जिलों में भिन्न-भिन्न दिनों में अनिश्चिितकालीन धरने देकर विरोध प्रदशर्न किया जाकर जन-जागृति लायेंगे ।

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