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बीकानेर,आज पूर्व नेता प्रतिपक्ष जावेद पड़िहार ने भाजपा बोर्ड के 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर महापौर के कार्यकाल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि महापौर ने अपने घोषणा पत्र में जो संकल्प लिए थे, वो आपसी गुटबाजी के कारण पूरे नहीं कर पाई। आज बोर्ड को पूरे 2 साल हो गए हैं और महापौर को उपलब्धि बताने के लिए कुछ भी नहीं है। पूरे 2 सालों में महापौर अधिकारियों व पारिवारिक दखल की वजह से विवादित रहीं, अपना पूरा समय ऑफिस में ना बैठकर खाली फोटो सेशन किया। शहर में समस्याएँ आज भी बद बदतर हैं। मैं महापौर से आरोपों के साथ कुछ सवाल आम जनता के आपके माध्यम से रखना चाहता हूँ:

1. महापौर ने निराश्रित गौवंश को पकड़ कर रखने वाली गौ शाला को बंद करने की योजना बनाई और आज वो कामयाबी पर हैं। जबकि बीकानेर शहर की बहुत बड़ी यह मांग थी और हमारी गौ शाला तैयार भी है परन्तु शहर में गौ वंश आज भी सड़कों पर घूम रहे हैं।

2. हमारे पास साधन संसाधन होते हुए भी करोड़ों के खर्च के बाद आज भी शहर में साफ-सफाई कहीं भी नजर नहीं आती और हमने स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ गए हैं।

3. करोड़ों रूपये विकास पर खर्च करने के बावजूद भी शहर में विकास कार्य कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। आज भी टूटी-फूटी सड़कें पूरे शहर में नजर आती हैं।

4. करोड़ों रूपये लगाने के बाद भी सीविरेज-नाले जाम हैं।

5. निगम की कमेटियाँ कोर्ट में हैं। जिससे शहर का विकास रूका हुआ है।

6. नन्दी गौशाला शुरू नहीं करवा सके।

7. शहर में महिला शौचालय आज तक नहीं बनें जबकि खुद महापौर एक महिला हैं। 8. प्रत्येक वार्ड में प्रत्येक वर्ष 40-40 लाख के कार्य करवाने की बात थी परन्तु 2 सालों

में आज तक 45 लाख का ही कार्य हुआ है।

9. बिना जीपीएस के वाहनों का भुगतान निगम कर रहा है।

10. ऑटो टिपर योजना में ठेकेदार को फायदा पहुँचाने का काम निगम कर रहा है।

11. नगरिय विकास कर वसूली में पिछड़े। 12. श्वान शाला आज तक नहीं खुली।

13. वेन्डिंग जोन नहीं बना।

14. दो सालों में एक भी साधारण सभा शहर के विकास की चर्चा हेतु नहीं हुई। महापौर महोदया आज 2 साल की वाहवाही लूटने के लिए अपने वार्ड में सबसे ज्यादा कार्य करवाकर बीकानेर शहर का नाम रोशन किया। महापौर खुद ने एक वार्ड तक सीमित होने का प्रमाण दिया। नगर निगम में खुद मानती हैं कि भ्रष्टाचार है परन्तु आज तक कार्यवाही नहीं की उपलब्धि की रूप में परिवार का दखल सबसे बड़ी उपलब्धी रही। बीकानेर शहर की जनता ने जिस प्रकार से पुनः भाजपा के बोर्ड पर विश्वास जनता कर प्रचण्ड बहुमत से इनको महापौर बनाया परन्तु महापौर ने बीकानेर शहर की जनता के साथ धोखा किया। सबसे कम निगम में बैठने वाली महापौर साबित हुई। आम जनता से महापौर को कोई सारोकार नहीं हैं। दिखाने को आज कोई भी उपलब्धी नहीं है, इसलिए महापौर ने एक वर्ष पूर्व जो संकल्प अपने घोषणा पत्र में जनता को सुपुर्द किए थे उसमें खरी नहीं उतर पाई। बीकानेर की जनता महापौर से यह सवाल करती है कि अब तो जागो शहर की सरकार ।

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