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बीकानेर,गायों में लम्पी चर्म रोग ( गूमड़ा , फोड़ा ) पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के द्वारा बताया गया यह ईलाज बहुत ही चमत्कारिक है जिन रोग ग्रस्त गौमाता व गोवंश को दिया गया वै सभी स्वस्थ हो गई है

1.जिस गाय में इस रोग के लक्षण दिखते हैं , रोगी गाय को अन्य गायों से काफी दूर अलग बांधें ।

2.गाय के ऊपले , छाणे जलाकर उसमें गूगल व असली कपूर का चूरा डाल , गायों के बीच में गहरा धुंआ करें । सुबह – शाम जरूर करें ।

3.50 लीटर पानी में नीम पत्ती व हल्दी को उबाल कर छान लें , 250 ग्राम फिटकरी मिला , इस घोल से छिड़काव करे।

4.देशी गाय का घी 50 ग्राम , काली मिर्च 25 ग्राम , हल्दी 25 ग्राम , बूरा शक्कर 50 ग्राम सभी साबुत सामग्री को पीस कर घी में मिला गाय को खिलायें।

5.गायों के बीच गूगल आदि धुंआ पुर्णिमा , अमावस्या , बारस को जरूर करें , जिससे अन्य मच्छर , वायरस से रोग लगने से बचाव रहेगा ।

जिस गाय व गौवंश के यह लम्पी रोग हो गया था , रोगी गाय को चार दिन यह उपचार दिया और बिल्कुल स्वस्थ हो गई । गाय दो दिन में चाटा – बांटा खाने लग गई । चौथे दिन से चारा चरने लग गई । यह उपचार , इलाज 5-7 दिन करते रहे ।

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