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बीकानेर संभाग के अपेक्स हॉस्पिटल में कार्डियक सर्जन डॉक्टर जयकिशन सुथार व उनकी CTVS टीम ने एक और अति दुर्लभ एवं अति जटिल सर्जरी को सफल कर के मरीज को नया जीवनदान प्रदान किया।

मरीज कमल (परिवर्तित नाम ) उम्र 20 वर्ष निवासी हनुमानगढ़ को TAPVC ( टोटल एनामोलॉयस पलमोनरी वीनस कनेक्शन) नाम की अति दुर्लभ बीमारी थी । मरीज के परिजनों ने कई वर्षों तक मरीज के इलाज के लिए विभिन्न बड़ी अस्पतालों में मरीज के इलाज के लिए सलाह की और सलाह के बाद मरीज कमल (परिवर्तन नाम) कि इस दुर्लभ बीमारी के कारण मरीज के जीने की उम्मीद भी छोड़ दी थी ।
फिर किसी ने बीकानेर संभाग के हार्ट सर्जन डॉक्टर जयकिशन सुथार व उनकी CTVS टीम से मिलने की सलाह दी ।

बीकानेर के अपेक्स हॉस्पिटल में मरीज के परिजनों ने कार्डिक साइंस मैनेजर सचिन सुथार से मुलाकात की व इस संदर्भ में सलाह ली ।मैनेजर सचिन सुथार ने बताया कि
सामान्यतः यह बीमारी 1लाख लोगों में से केवल एक या दो लोगों में ही मिलती है । इस बीमारी में मरीज के हृदय में साफ खून लाने वाली नसों से चेंबर का कनेक्शन नहीं होता है । जिस वजह से सारा साफ खून शरीर के गंदे खून ले जाने वाली नसों से जुड़ा होने के कारण, उसमें मिल जाता है ।
मरीज की सभी रिपोर्टों को देखने के बाद पता चला की मरीज को TAPVC ( टोटल एनामोलॉयस पलमोनरी वीनस कनेक्शन) नाम की बीमारी थी व साथ ही मरीज के हृदय में बड़ा छेद भी था । काफी महंगी सर्जरी होने की वजह से मरीज व मरीज के परिजन ऑपरेशन के लिए भी घबराए हुए थे। मैनेजर सचिन सुथार ने डॉक्टर जय किशन सुथार से मरीज को मिलवाया, व आश्वासन भी दिया कि मरीज की सर्जरी मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत पूर्णतया निशुल्क होगी । पूर्ण जांच के पश्चात मरीज को डॉक्टर जय किशन सुथार ने मरीज व मरीज के परिजनों को इस दुर्लभ बीमारी के बारे में भी समझाया । डॉक्टर साहब ने बताया कि सामान्यतः ऐसी दुर्लभ स्थिति में मरीज की सर्जरी छह माह की आयु से पहले पहले ही हो जानी चाहिए थी। उचित आयु में सर्जरी ना होने की स्थिति में मरीज के हृदय व फेफड़ों में प्रेशर बहुत बढ़ जाता है , मरीज का शरीर नीला पढ़ने लग जाता है, ऑक्सीजन का लेवल भी 96 से 100% की बजाय 50 से 65% तक था । इन सभी समस्याओं के चलते मरीज के खून में हीमोग्लोबिन का लेवल भी काफी बढ़कर 24 तक जा चुका था ( जबकि सामान्य व्यक्ति का हीमोग्लोबिन लेवल 11 के आस पास होता है ।)

मरीज की इन सभी उपरोक्त समस्याओं को मध्य नजर रखते हुए डॉक्टर जयकिशन सुथार ने सर्जरी से पूर्व एपेक्स हॉस्पिटल बीकानेर के फिजीशियन डॉ मनीष बोथरा, कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सुरेंद्र पूनिया एवं कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर श्रवण सिंह , कार्डिक एनसथेटिक एक्सपर्ट डॉक्टर गिरीश तंवर , इन सभी से डॉक्टर से प्रीऑपरेटिव जांच व सलाह की ।
मरीज का हिमोग्लोबिन काफी अधिक होने के कारण सर्जरी से पूर्व 5 यूनिट ब्लड मरीज से पांच विभिन्न चरणों में निकाला गया, और मरीज की नियमित जांच की गई तथा हृदय को कपड़ों का प्रेशर कम किया गया । जिस वजह से मरीज का हिमोग्लोबिन लेवल कंट्रोल में लाया गया व उसे मेंटेन भी रखा गया । फिर से पूर्णतया जांच के पश्चात CTVS टीम ने सर्जरी करने का निर्णय लिया।

सर्जरी के दौरान मरीज के फेफड़ों से आने वाली साफ खून की नसों का कनेक्शन हृदय के उचित चेंबर लेफ्ट एट्रियम में किया गया । जिससे चेंबर का नवनिर्माण किया गया साथ ही गंदे खून वाली नसों के कनेक्शन को हटाया गया तथा मरीज के दिल का छेद जो काफी बड़ा था उसको भी एक आर्टिफिशियल पैच लगा कर बंद किया गया ।

करीब 8 घंटे तक चली इस सफल सर्जरी के पश्चात अब मरीज बिल्कुल स्वस्थ है , ऑक्सीजन का लेवल भी 100% तक आ चुका है , मरीज का नीला पन पूर्णतया खत्म हो चुका है । अब मरीज बिल्कुल स्वस्थ हालत में है व आज डिस्चार्ज हो रहा है। अब मरीज के परिजन काफी खुश है व हार्ट सर्जन डॉक्टर जय किशन सुथार, डॉक्टर गिरीश तंवर , कार्डियक मैनेजर सचिन सुथार व उनकी पूरी CTVS टीम को सहृदय से धन्यवाद दे रही है जिस वजह से मरीज कमल ( परिवर्तित नाम) को एक नया जीवनदान भी मिला । इस प्रकार की उत्तर पश्चिमी राजस्थान में पहली बार हुई इस जटिल सर्जरी को सफल बनाकर डॉक्टर जय किशन सुथार व उनकी संपूर्ण सी.टी.वी.एस. टीम ने हार्ट सर्जरी में ( बीकानेर में) एक नया आयाम भी स्थापित किया ।

यह थी टीम –
डॉक्टर जयकिशन सुथार, डॉ सुरेंद्र पूनिया, डॉ श्रवण सिंह , डॉ गिरीश तंवर , डॉ मनीष बोथरा, डॉ विश्वजीत , पवित्र , मैनेजर सचिन सुथार , राजेंद्र , आदित्य, श्रवण चाडी नर्सिंगऑफिसर,
राजेन्द्र ,अर्पण , अंजलि, शंकर , हर्षवर्धन आदि शामिल थे।

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