बीकानेर,देश-दुनिया में त्योहार के मौके पर मिठाइयों में बीकानेर ने अपनी धाक जमा दी है। पहली बार दीपावली पर बीकानेरी रसगुल्ला और नमकीन का कारोबार ढाई हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। इसमें बड़ा योगदान देशभर में डिपार्टमेंटल स्टोर की चेन संचालित करने वाली कम्पनी का रहा है। इसने बीकानेर के चार प्रमुख ब्रांड से देशभर में अपने आउटलेट पर बेचने के लिए साढ़े चार हजार करोड़ रुपए के भुजिया, रसगुल्ला, गुलाब जामुन आदि मिठाई की खरीद की है। इसी के साथ देश की आइटी राजधानी बंगलूरु से लेकर नोएडा और गुरुग्राम तक में संचालित कम्पनियों ने अपने कार्मिकों के लिए मिठाई के हजारों गिफ्ट पैक बीकानेर में तैयार कराए है।
बीकानेर के पानी और मौसम की वजह से यहां तैयार होने वाले भुजिया जैसा स्वाद अन्य किसी जगह से अलग रहता है। यहां पर मोठ की भुजिया सबसे ज्यादा बनती है। इसके अलावा गायों के दूध की भरपूर उपलब्धता के चलते बीकानेर में रसगुल्ला ज्यादा तैयार हो रहा है। इसके भी बीकानेर में बनने पर अलग ही स्वाद होने का दावा किया जाता है। अभी खुरमानी और सामान्य रसगुल्ला बनता है। इसमें स्पंजी रसगुल्ला और जुड़ गया है।
600 से ज्यादा इकाइयां,हजार करोड़ का निवेश
बीकानेर में रसगुल्ला, भुजिया-पापड़ और बड़ी समेत एग्रो फूड प्रोसेसिंग की छह सौ इकाइयां हैं। इन उद्योग पर एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का पूंजी निवेश है। बीकानेर के करीब अस्सी हजार लोग मिठाई और नमकीन के इस कारोबार से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार पा रहे हैं। हालांकि स्थानीय लोग यहां बनने वाली पैकिंग मिठाइयां और नमकीन को ज्यादा पसंद नहीं करते। वह तो ताजा बने खुली मिलने वाली मिठाइयां और नमकीन ही अपनी दैनिक जरूरत के हिसाब से खरीदते हैं।
बीकानेर भुजिया का सबसे बड़ा कारोबारी स्थान है। यहां का नमकीन देश-विदेश में जा रहा है। इस बार बड़ी रिटेल चेन संचालकों ने बीकानेर से मिठाई-नमकीन को अपने स्टोर्स में बेचने के लिए बड़ी मात्रा में माल लिया है। इसके बाद अब देशभर के हर कोने में बीकानेर के प्रमुख ब्रांड की पहुंच हो गई है। भीखाराम-चांदमल के आशीष अग्रवाल के अनुसार बीकानेर का भुजिया दुनिया के सभी प्रमुख देशों में निर्यात होने लगा है। वह अभी 28 देशों में नमकीन और मिठाई भेज रहे हैं। इनमें न्यूजीलैंड, यूएस, यूके, कनाडा, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, दुबई, कुवैत, जापान आदि देश शामिल है। यहां की नमकीन ने अपनी गुणवत्ता के बलबूते आज यह मुकाम पाया है।