बीकानेर,अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के तहत पोषक अनाजों क उत्पादन में वृद्धि मूल्य संवर्धन, मूल्य सवंर्धित उत्पादों के घरेलू उपयोग में वृद्धि आदि के सम्बन्ध में जागरूकता लाने के उदेश्य से ”खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पौष्टिक अनाज कार्यशाला“ बुधवार को स्वामी विवेकानन्द कृषि संग्रहालय, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में आयोजित की गई। कार्यशाला में जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल मुख्य अतिथि व डॉ अरूण कुमार कुलपति कृषि विश्वविद्यालय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ अरूण कुमार कुलपति एसकेआरएयू ने कहा कि मिलेट्स उगा कर इस क्षेत्र के किसान अपनी आय में अच्छा इजाफा कर सकते हैं।
जिला प्रमुख मोडाराम मघवाल ने किसानों को मोटे अनाजों को अपने खेतों में बुवाई कर क्षेत्रफल व उत्पादन बढाने हेतु प्रोत्साहित किया। डॉ.पी. एस. शेखावत ,अनुसंधान निदेशक ने बाजरा उत्पादन की उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी दी। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चंद्र ने मोटे अनाजों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने राजस्थान के परिपेक्ष्य में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में मोटे अनाजों की भूमिका पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।काजरी बीकानेर के अध्यक्ष डॉ नवरत्न पंवार ने पोषक अनाजों के प्रसंस्करण एवं उनसे बनने वाले उत्पादों की जानकारी दी।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार),बीकानेर कैलाश चौधरी ने कार्यशाला के सफल संचालन हेतु आगंतुक अतिथियों व प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्याशाला में 200 से अधिक विभागीय अधिकारियों के साथ साथ प्रगतिशील किसानों, मिलेटस से सम्बन्धित स्वयं सहायता समूह, एफपीओ, स्वयंसेवी संस्था, मिलेट उद्यमियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई। कार्यशाला में विभागीय अधिकारी संयुक्त निदेशक उद्यान हरलाल सिंह बिजारणियां, उपनिदेशक यशवन्ती, डॉ आर के मेहरा, सहायक निदेशक अमर सिंह, राजूराम डोगीवाल, रधुवर दयाल, राजेश गोदारा, प्रदीप कूकणा, ओम प्रकाश तर्ड, प्रेमाराम, कविता, मीनाक्षी, संगीता, कांता मूंड, चन्द्रकला, रमेश चंद्र भाम्भू, डॉ मानाराम जाखड़, धन्नाराम बेरड़, मालाराम जाट इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।