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बीकानेर,उपभोक्ता आंदोलन के प्रणेता और संस्कृतिकर्मी डॉ. मेघराज आचार्य की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार को रम्मत कलाकारों को ‘लोक संस्कृति सम्मान’ अर्पित किया गया। इस दौरान अतिथियों ने डॉ. आचार्य के कृतित्व और व्यक्तित्व पर अपनी बात रखी।
धरणीधर रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास थे। उन्होंने कहा कि डॉ. आचार्य सदैव लोक कलाकारों एवं उपभोक्ताओं के हितों के लिए संघर्षरत रहे। उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए उपभोक्ताओं को उनके हितों और अधिकारों के लिए जागरूक करने के अभियान सतत रूप से चलाने होंगे। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए रम्मत कलाकारों का सम्मान अच्छी परंपरा है। उन्होंने कहा हमारी लोक संस्कृति तभी आगे बढ़ेगी, जब युवा शक्ति को अधिकाधिक रूप से इससे जोड़ा जाएगा। इसलिए अधिक से अधिक युवाओं को इससे जोड़ा जाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जुगल किशोर ओझा ‘पुजारी बाबा’ ने की। उन्होंने कहा की रम्मतें हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। इसे संरक्षित और संवर्धित करने में डॉ. मेघराज आचार्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि उनकी स्मृति में ऐसे कार्यक्रम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
प्रारंभ में कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने संयोजकीय व्यक्तव्य में कहा कि डॉ. आचार्य लोक संस्कृति के चितेरे लोक कलाकार थे। वे उपभोक्ता आंदोलन के जागरूक एवं संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी थे।
विशिष्ट अतिथि डॉ. नरेश गोयल ने कहा कि स्व. आचार्य ने नए कलाकारों को प्रोत्साहित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में उपभोक्ता आंदोलन को एक नई रहा मिली।
राजकुमार किराडू ने कहा कि डॉ. आचार्य की स्मृति को स्थाई रखने हेतु प्रतिवर्ष ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
कैलाश आचार्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। शिव शंकर आचार्य ने स्वागत उद्बोधन दिया। राजेंद्र आचार्य ने आभार जताया।
इस अवसर कृष्ण कुमार बिस्सा, अजय देराश्री, दीनदयाल आचार्य, श्याम सुंदर ओझा और कपिल गुरु को लोक संस्कृति सम्मान भेंट कर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम में नरसिंह दास व्यास, योगेश पालीवाल, पूनम चंद व्यास, ऋषि कुमार व्यास, धनसुख आचार्य, मुमताज शेख ,पार्वती, सीमा, महबूब पवार, प्रभात आचार्य, रोहित आचार्य सोनू, अशोक, राजकुमार, नंद कुमार अग्रवाल, धनाराम, पीके सरीन किशन जोशी सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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