बीकानेर,अर्जुन राम मेघवाल स्वाभाविक रूप परंपराओं के संवाहक है। वे खुद राजस्थानी लोक संस्कृति में रसे बसे हैं। उनका पूरा पारिवारिक परिवेश राजस्थानी लोक जीवन से ओत प्रोत है। 14वें राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव राजस्थान ( बीकानेर ) में आयोजित कर मेघवाल ने सांस्कृतिक चेतना जगाने का काम किया है। वे खुद लोक गीतों, लोक देवताओं, लोक संस्कृति को जीते हैं। लोक देवता, मीरा, रैदास के भजन गाते हैं। बीकानेर का यह आयोजन लोक संस्कृति के प्रोत्साहन देने वाला ही साबित होना चाहिए। लोक संस्कृति की गहराइयों को केंद्रीय मंत्री सूक्ष्मता से समझते हैं। यह भी जानते है हमारी संस्कृति एक भारत और श्रेष्ठ भारत की जड़ है। इस जड़ को राजस्थानी संस्कृति से सींच कर भावी राष्ट्रीय जीवन को कैसे सख्त बनाया जा सकता है। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री के रूप में मेघवाल देश के लिए और बेहतर काम कर रहे हैं।करणी माता, बाबा राम देव जी, लक्ष्मी नाथ जी, शिव बाड़ी महादेव, कपिल मुनि, जम्भेश्वर भगवान, जसनाथ जी, तेजाजी की जीवन संस्कृति और जन आस्था को केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल समझते हैं और यह उनके व्यक्तिगत जीवन पर भी झलकता हैं। इन जन आस्थाओं को युवा पीढ़ी में संस्कार केंद्र बनाकर संप्रेषित करने की जरूरत है। यह एक जीवन संस्कृति है। संस्कार है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय बीकानेर में लोक देवताओं के सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र स्थापित करें। इससे इन लोक आस्थाओं पर आधारित लोक संगीत, भजन, नृत्य कला और लोक जीवन परिमार्जित हो सकेगा। जैसा कि मंत्री ने बीकानेर को छोटी काशी बताकर लोक देवताओं और बीकानेर में होली के उल्लास उमंग की तरफ राष्ट्रपति का भी ध्यान आकर्षित किया। इनको संरक्षण देने की जरूरत तो खुद मंत्री जी भी मानते ही होंगे। महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल ने भी ग्रामीण कला और संस्कृति के प्रोत्साहन की तरफ संकेत किया। अगर इसको अमली जामा पहनाना हैं तो पश्चिमी राजस्थान और बीकानेर की लोक संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए बीकानेर में लोक संस्कृति केंद्र की स्थापना होनी चाहिए। राजस्थान की धरती के कण कण में लोक कलाओं, लोक देवताओं, लोक संस्कृति और परंपराओं का जो रूप देखने को मिलता है, यह अद्भुत और अनोखा है। वैसा कहीं नहीं मिलता। केंद्रीय संस्कृति मंत्री लोक संस्कृति के युवा पीढ़ी पर प्रभाव को समझते हैं वे बीकानेर में लोक संस्कृति केंद्र खोलकर राजस्थानी संस्कृति की सच्ची सेवा कर सकते हैं। खोलते जाइए बीकानेर में राजस्थान का केंद्रीय लोक संस्कृति केंद्र।
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