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बीकानेर,अंतरिक्ष में छोड़े गए विभिन्न सैटलाइट के मुकाबले स्टारलिंग सैटलाइट पृथ्वी के चहुंओर कक्षा में संभवत अन्य सैटेलाइट के मुकाबले सबसे नीचे होकर गुजर रहे हैं। ये “आकाशिये” इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं। पृथ्वी की कक्षा में नीचे होने की वजह से ये ठीक उसी प्रकार दिखाई दे रहे हैं जिस प्रकार कोई भी विमान हमें आकाश में चमकता हुआ दिखाई दे जाता है। लोगों का मानना है कि ऊयह आकाशिये काफी नीचे होने की वजह से लगभग 12 12 घंटे के अंतराल से विश्व के विभिन्न स्थानों पर दिखते रहेंगे। इस क्रम में ये आज सुबह 7.55 बजे फिर दिखाई देने थे लेकिन बीकानेर के आकाश में बादलवाही के चलते आकाशिये छुपे रहे।

बीकानेर में विभिन्न इलाकों में बीती शाम आसमान में ये आकाशिये खिसक-खिसक आगे बढ़ते देखे गए। सायं 7.36 बजे से 7.38 बजे के बीच ऐसा नजारा लोगों को विस्मित करने को काफी था। यह आसमानी नज़ारा बीकानेर सहित चूरू, सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के साथ साथ उत्तरी भारत के अनेक राज्यों में किया गया।

समाचार चैनलों और अखबारों के साथ-साथ सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों से अब तक काफी लोगों को यह जानकारी मिली है कि ये आकाशिये एलन मस्क के स्टारलिंक उपग्रह हैं। इस बारे में एयरफोर्स नाल के उच्चाधिकारियों ने बताया कि दरअसल ये एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा छोड़े गये स्टारलिंक उपग्रह हैं।

करीब 60 की संख्या में ये उपग्रह एक साथ आगे पीछे क्रम से छोड़े गये हैं तथा प्रत्येक उपग्रह के बीच की दूरी निश्चित रूप से समान है, इनकी गति भी समान है इसलिए ये अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा का परिभ्रमण करते समय किसी चलती हुई ट्रेन की तरह लगते हैं। एलन मस्क की कंपनी इनके माध्यम से पूरी दुनिया की तीव्रतम इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

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