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बीकानेर। जिला कलक्ट्रेट के समक्ष चल रहे आमरण अनशन के 23वें दिन राजस्थान आशा सहयोगिनी चिकित्सा सेवा कर्मचारी एवं पांच सरपंचों ने समर्थन देते हुए सरकार से न्याय की गुहार लगाई। भाजपा नेता महावीर रांका ने बताया कि अनशन को जन-जन का समर्थन मिल रहा है, न्याय के लिए हर वर्ग आगे आ रहा है लेकिन मंत्री व मुख्यमंत्री नींद से नहीं जाग रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेशों को न मानकर 18 कार्मिकों को पुन:नियुक्ति नहीं देना राजनैतिक द्वेषता को दर्शाता है।
पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका ने बताया कि हाईकोर्ट ने 27 फरवरी को सरकार को आदेश पारित करते हुए तीन सप्ताह का समय दिया है, इसके अंतर्गत अब सरकार द्वारा 20 मार्च तक अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत करनी आवश्यक होगी।
भाजपा के मधुसूदन शर्मा ने बताया कि मंगलवार को जयसिंह सरपंच (हाड़ला), जेठाराम सरपंच प्रतिनिधि (गजनेर), मनोहरसिंह सरपंच (सियाणा), गजेसिंह देवड़ा सरपंच (सांखला बस्ती), पवन जोशी सरपंच (भोलासर), निखिल राजपुरोहित (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी) ने धरने को समर्थन दिया। इसी क्रम में राजस्थान आशा सहयोगिनी चिकित्सा सेवा कर्मचारी की जिलाध्यक्ष सरोज शर्मा के नेतृत्व में काफी संख्या में आशा सहयोगिनी बहनों ने अनशन को समर्थन प्रदान किया। अनशन स्थल पर दिलीप पूरी, अजीतसिंह चारण, भगवतीप्रसाद गौड़, नरेश मक्कड़, मनोज गहलोत, अशोक चोरडिय़ा, प्रणव भोजक, जय उपाध्याय, गौरीशंकर देवड़ा, शम्भू गहलोत, अरविंद सोनी, गणेशमल जाजड़ा, रतन जयपाल, लोकेश छाबड़ा, सीताराम सुथार, गोवर्धन सोलंकी, तेज गहलोत, तेजाराम राव, ओम राजपुरोहित, लक्ष्मण जयपाल एवं पंकज जांगिड़ आदि उपस्थित रहे। भाजपा के डॉ. भगवानसिंह मेड़तिया ने बताया कि पूर्व पार्षद राजेन्द्र शर्मा की तबीयत खराब होने पर प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अब आमरण अनशन तेजाराम राव, जगदीश मोदी, घनश्याम रामावत, तेजाराम प्रजापत, मोहम्मद ताहिर डटे हुए हैं।

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