बीकानेर,एएफपी, मिजल्स रूबेला, डिप्थीरिया, परट्यूसिस और नवजात टिटेनस जैसी गम्भीर बीमारियों को लेकर संवेदनशीलता बढाने और त्वरित कार्यवाही करने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन, बीकानेर व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तरीय कार्यशाला स्वास्थ्य भवन सभागार में तीन सत्रों में आयोजित की गई।
कार्यशाला के दौरान जिले के 6 खण्ड एवं शहरी परिक्षेत्र के सीएचसी, पीएचसी व यूपीएचसी के चिकित्सा अधिकारियों एवं बीसीएमओ का आमुखीकरण किया गया। खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारियों को इन पाँच बीमारियों- एएफपी, मिजल्स रूबेला, डिप्थीरिया, परट्यूसिस और नवजात टिटेनस के सुदृढ़ सर्वेलेन्स हेतु सम्भावित केस चिन्हीकरण, सैम्पल संग्रहीकरण, रोग प्रभावित क्षेत्र के सर्वेक्षण मय नियन्त्रण के सम्बन्ध की जाने वाली कार्यवाही एवं फॉलोअप को गम्भीरता से लिए जाने पर जोर दिया गया।
आमुखीकरण कार्यशाला में संयुक्त निदेशक, बीकानेर जोन डॉ देवेन्द्र चौधरी, उपनिदेशक, डॉ. राहुल हर्ष, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी चाहर व जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने वीपीडी सर्वेलेन्स की उपयोगिता पर विचार व्यक्त करते हुए सुदृढ़ क्रियान्वयन हेतु आवश्यक बल दिया। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन, बीकानेर इकाई के सर्वेलेन्स मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनुरोध तिवाड़ी ने चिकित्सा अधिकारियों को पाँचों वीपीडी बीमारियों- एएफपी, मिजल्स रूबेला, डिप्थीरिया, परट्यूसिस और नवजात टिटेनस के सम्बन्ध में प्रजेण्टेशन के माध्यम से जानकारी विस्तारपूर्वक दी।
कार्यशाला के अन्त में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने कार्यशाला में आए चिकित्सा अधिकारियों को वीपीडी सर्वेलेन्स सुदृढ़ीकरण के आवश्यक घटकों को संक्षिप्त में बताते हुए सम्बन्धित गुणवत्तापूर्ण सूचकांकों की उपलब्धि हेतु निर्देशित किया।