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बीकानेर । इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के रसायन शास्त्र विभाग के तत्वाधान में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली के अटल अकादमी योजना द्वारा प्रायोजित च्ग्रीन टेक्नोलॉजी व सस्टेनेबिलिटी इंजीनियरिंगज् विषयक पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र के प्रो. साथन्स के मुख्य आथित्य में हुआ। प्रो. साथन्स ने  ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन व विद्युत उपयोग, खनिजों सहित अन्य ग्रीन टेक्नोलॉजी में हो रहे शोध व नवाचारों के बारे में चर्चा की द्य उन्होंने बताया कि जो देश आर्थिक दृष्टि से जितने संपन्न है वह उतना ही अधिक संसाधनों का उपयोग कर वातावरण का विनाश कर रहे हैं । अनियंत्रित उपभोग एवं उत्पादन केंद्रित आर्थिक वृद्धि की होड़ में बढ़ रहे ऊर्जा संसाधनों के  उपयोग से आज जल  थल एवं वायु सब  गंभीर रूप से प्रदूषित हो रहे हैं एवं धरती पर विद्यमान अधिकांश प्राकृतिक संसाधन खत्म  होने के कगार पर हैं । बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अम्बरीश शरण विद्यार्थी ने इस तरह के कार्यक्रमों की उपयोगिता बताये हुए एनर्जी मैनेजमेंट पालिसी व एनर्जी एफिशिएंसी को आज के समय की मांग बताया द्य उन्होंने अनियंत्रित उपभोग एवं आवश्यकता से अधिक उत्पादन को खतरनाक बताया द्य इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश भामू  ने बताया कि विकास हेतु  हम अपने उपयोग को धारणक्षम उपभोग की  सीमा में लाएं अर्थात हम  उपभोग को इस तरह कम करें की संसाधनों की उपलब्धि अनंत काल तक भावी पीढिय़ों के लिए सुलभ रहे । कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. प्रवीण पुरोहित ने बताया कि इस कार्यक्रम में देश भर के करीब दो सौ शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इन प्रतिभागियों को कार्यक्रम समापन पर होने वाली परीक्षा को उत्तीर्ण करने पर एआईसीटीई दिल्ली द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण पत्र दिए जायेंगे द्य
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में लाछु कॉलेज जोधपुर के डॉ कपिल गहलोत  ने  सॉलिड वेस्ट के कारण  व निवारण हेतु अपनाए जाने वाले  उपायों पर  विस्तार से व्याख्यान दिया द्य  कार्यक्रम के दूसरे सत्र में  रीजनल फॉरेंसिक लैब जोधपुर  से डॉ शालू  मलिक  ने कीटनाशको  द्वारा  वातावरण पर पडऩे वाले प्रभाव  कथा उनके विश्लेषण  के बारे में  विस्तार से बताया द्य कार्यक्रम के अंत में कुल सचिव डॉ मनोज कुरी व राजेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों, अतिथियों व मुख्य वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ इंदू भूरिया व रवि अग्रवाल ने किया।

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