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बीकानेर,शैक्षणिक सत्र का तीसरा महीना शुरू हो गया है लेकिन शिक्षा विभाग अभी भी प्राचार्यों और व्याख्याताओं के बदलाव और सुधार में व्यस्त है। पिछले कुछ दिनों में सौ से अधिक प्रधानाध्यापकों और व्याख्याताओं का तबादला या तो रद्द कर दिया गया या शहर के नजदीकी स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया।दिलचस्प बात यह है कि इनमें से अधिकांश सुधारों की शुरुआत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला का गृह जिला है, जबकि कुछ अन्य जिलों के हैं।

जिन अधिकारियों का स्थानांतरण अन्यत्र विद्यालयों में किया गया था, उनमें से अधिकांश का तबादला प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से लंबी छटनी के बाद किया गया है। इनमें अजय गोदारा, डॉ. जगदीश प्रसाद, डॉ. शिक्षा निदेशक कार्यालय में सहायक निदेशक रहे राकेश कुमार, मनीष कस्वां, मृदुला चौधरी, रामचंद्र खिंटला को ग्रामीण विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया। इनमें से रामचंद्र घिंटला को वापस शिक्षा निदेशक कार्यालय भेज दिया गया है, बाकी को बीकानेर शहर के पास उदयरामसर, गिगासर, नापासर, बदरासर, सेरुना में पदस्थापित किया गया है। जबकि घंटाला को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय में पदस्थापित किया गया है। वहीं, भंवर लाल का तबादला निदेशालय से रंजीतपुरा के व्याख्याता के पद पर हुआ है, जिन्हें अब सर्वोदय बस्ती में स्थानांतरित कर दिया गया है। यहां पहले से कार्यरत जगदीश चंद्र टाक का तबादला जलवाली कर दिया गया है। सतपाल गोदारा को खेल विद्यालय से लुनक्रांसार भेजा गया था, उनका स्थानांतरण अब निर्वासन में है। दुर्गाराम का तबादला निदेशालय से कोलायत कर दिया गया। उनका भी अब नागौर ट्रांसफर कर दिया गया है। देवीकुंड सागर में कार्यरत व्याख्याता जयसाराम का तबादला रद्द कर दिया गया है। इसी तरह प्रियंका का तबादला देवीकुंड सागर, उन्हें उड़सर भेजा गया है। चोपड़ा स्कूल से कोलायत स्थानांतरित लक्ष्मीनारायण को अब गजनेर भेजा गया है। वहीं, ओमप्रकाश सरन का तबादला भी रद्द कर दिया गया है। यहां से शिवकुमार कुम्हार को अब श्री रामसर स्कूल भेजा गया है। सुजानदेसर से ट्रांसफर किए गए रामकुमार को अब चानी की जगह पवनपुरी कॉलोनी शिफ्ट कर दिया गया है।

स्कूलों में लॉकडाउन

बीकानेर में पिछले एक सप्ताह में आधा दर्जन स्कूलों में तालाबंदी की गई है। खासकर ग्रामीण इलाकों में स्थित स्कूलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां से व्याख्याताओं और शिक्षकों का शहरी क्षेत्रों में तबादला कर दिया गया, जिनका तबादला कर दिया गया, वे अभी तक नहीं पहुंचे हैं। इस कारण दो माह बाद भी पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

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