श्रीगंगानगर। पांच दिन पहले खुद को रिटायर्ड आइएएस ऑफिसर बताकर शहर के एक कॉलोनाइजर से छह लाख रुपए ठगने वाले शातिर ठग को पुलिस ने शुक्रवार को पाली में गिरफ्तार कर लिया गया। यह ठग पाली जिले का रहने वाला है और पहले भी इसी तरह अफसरों के नाम पर फोन कर लोगों से ठगी करता रहा है। इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने जाल बिछाया और इस तरह की ठगी में पहले शामिल रहे लोगों के बारे में जानकरी जुटाई। पाली जिले के शातिर ठग पर पुलिस को शक हुआ तो उससे सख्ती से पूछताछ की गई। उसने माना कि उस ने ही ठगी की इस वारदात को अंजाम दिया है। एसपी आनंद शर्मा ने शनिवार को सदर थाने में पत्रकारों से बातचीत में मामले की जानकारी दी।
पाली जिले के रामदेव रोड, रजतनगर के रहने वाले ठग सुरेश कुमार उर्फ भेरिया उर्फ भेरा पुत्र भंवरलाल ने श्रीगंगानगर के एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू को मंगलवार सुबह डिविजनल कमिश्नर बनकर फोन किया और उनसे श्रीगंगानगर के रिद्धि-सिद्धि एनक्लेव के मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश शाह के बारे में जानकारी मांगी। एसडीएम को शक हुआ तो उन्होंने जानकारी नहीं दी। इस पर सुरेश ने सीनियर आईपीएस सतवीर चौधरी बनकर श्रीगंगानगर कोतवाली के एसएचओ विश्वजीतसिंह को फोन कर बिल्डर के नंबर ले लिए। इसके बाद श्रीगंगानगर के पूर्व कलेक्टर जाकिर हुसैन बनकर बिल्डर को फोन किया और कहा कि मुम्बई में उसके परिचित को इलाज के लिए सोलह लाख रुपए की जरूरत है। बिल्डर मुकेश शाह ने मुंबई में अपने भाई सुरेश शाह को फोन कर छह लाख रुपए की व्यवस्था करवा दी। मुम्बई में प्रवीण नाम के आदमी ने छह लाख रुपए ले लिए। बिल्डर ने इस बारे में पूर्व कलेक्टर जाकिर हुसैन को फोन किया तो उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया।
सोलह साल से कर रहा है ठगी
इस तरह की वारदातों में शामिल रहे लोगों को खंगाला तो शातिर ठग सुरेश पर शक हुआ। इस पर पुलिस ने टीम बनाकर उस पर शिकंजा कसा और पाली से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने वारदात करना स्वीकार किया है। उसका छह दिन का रिमांड लिया गया है।