बीकानेर,रातीघाटी समिति अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह बीका, उपाध्यक्ष प्रदीपसिंह चौहान एवं रातीघाटी युद्ध उपन्यास के लेखक जानकी नारायण श्रीमाली तथा समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने श्री धनीनाथ पंचमन्दिर में आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी श्री विशोकानन्द जी भारती को रातीघाटी युद्ध उपन्यास भेंट किया।
लेखक श्रीमाली को आशीर्वाद देते हुए स्वामी विशोकानन्द जी ने कहा कि इस उपन्यास में आतताईयों को दंड देने की प्रेरणा है। इस साहित्य से अग्नि प्रकट होगी। वेद व्यास जी ने ब्रह्मसूत्र की रचना की और आद्य शंकराचार्य जी ने उसका भाष्य किया, जिसे पढ़कर आज भी ब्रह्मतेज जागृत होता है। भगवान कृष्ण की गीता आज भी निष्काम कर्म का सन्देश देती है। गोस्वामी तुलसीदास जी की राम चरित मानस ने पराजित हिन्दू मानस में विजय का विश्वास भर दिया। इसी प्रकार यह उपन्यास युग-युग में विजय का विश्वास जगाकर समष्टि के लिए, आमजन के लिए उपयोगी होगा।
इस अवसर पर रातीघाटी समिति के डॉ. महेन्द्र चाडा, अरविन्द ऊभा, हनुमान सिंह चावड़ा, अनिल डेमबला, छत्रसेन आदि सहित श्रीपंचमन्दिर के डॉ. मोहन जाजड़ा, एडवोकेट श्री पाराशर नारायण शर्मा सपत्नीक उपस्थित थे