बीकानेर,अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान बीकानेर इकाई द्वारा वेटरनरी कॉलेज सभागार में भारत का स्वाधीनता आंदोलन एवं साहित्य विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। जिसमे दिल्ली, नोएडा, इंदौर, भोपाल ,जोधपुर, उदयपुर, कोटा से पधारे हुए साहित्यकार भाग ले रहे हैं
उदघाटन सत्र में स्वागत करते हुए परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डा.अन्नाराम शर्मा ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव को मनाने की सार्थकता तभी होगी जब नई पीढ़ी स्वाधीनता संग्राम और उसमें विभिन्न भूमिकाओं को निभाने वाले स्वतन्त्रता सेनानियों को जानें- समझें इसलिए साहित्य की बात की जानी आवश्यक है। शर्मा ने राजस्थान के साहित्यकारों से लेकर देश भर के साहित्य का जिक्र किया जिसने साम्राज्यवादी ताकतों की चूलें हिला दी । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा.नंदकिशोर पाण्डेय ने स्वावलंबन, स्वधर्म, स्वदेश, स्वभाषा, अछूतोद्धार को भी स्वाधीनता आंदोलन का उद्देश्य बताया।।
विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय की डा.नीलम राठी ने स्वाधीनता आंदोलन में पत्रकारिता की भूमिका व विशेष रूप से चांद पत्रिका के फांसी अंक की चर्चा की.
कार्यक्रम में बीज वक्तव्य देते हुए डा. नरेंद्र मिश्र ने कहा कि साहित्य और पत्रकारिता एक दूसरे के पूरक हैं । समस्त मानव जाति का कल्याण साहित्य उद्देश्य रहा है। संगोष्ठी संयोजक व सञ्चालक साहित्यकार मोनिका गौड़ ने संचालन करते हुए इस कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा रखी । आशीर्वचन देते हुए लालेश्वर महादेव मठ महंत विमर्शानंद गिरि ने साहित्य को समाज की आत्मा बताया। और कहा कि जो हनुमान की तरह उछल सकता है वह साहित्यकार है । साहित्यकार की तीसरी आंख खुली होनी चाहिए। कार्यक्रम में डॉ. अन्नाराम शर्मा द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘भारत का स्वाधीनता आंदोलन और साहित्य’ का लोकार्पण मंच द्वारा किया गया ।
महापौर सुशीला कंवर ने ऐसे आयोजनों को समय की आवश्यकता बताया।
इसके पश्चात तीन तकनीकी सत्रों में पत्रकारिता, लोकगीत, जब्त साहित्य व आंदोलन को गति देने वाले साहित्य पर सुरेद्र राव, राजेन्द्र सिंघवी, योगिराज योगी, शिवराज भारतीय ,अखिलानंद पाठक, सुधा आचार्य, कामिनी ओझा डॉ सुरेंदर डी सोनी,विजय सिंह, संगीता सक्सेना, कुसुम शर्मा, दिलीप पुरी, रमेश शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने चर्चा की, अतिथियों का उपरणा, स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत में वंदना गीत मनीषा आर्य सोनी व परिषद गीत इंजी.आशा शर्मा ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर श्री मधु आचार्य आशावादी, मो.फारूख, राजाराम स्वर्णकार, इला पारीक, बाबुलाल छंगाणी, कैलाश टाक,डॉ.ओम प्रकाश गौड़, झँवरलाल गोलछा विनायक गौड़,अल्पना बोहरा, विजयलक्ष्मी शर्मा मूल चंद वोहरा , राजीव गौतम, चन्दन तलरेजा,डॉ ममता जोशी , डॉ कृष्ना आचार्य, रूपा सोनी ,पवन पांडे,डॉ गोपीराम शर्मा जयसिंह आशावत, , प्रशांत बिस्सा, विकास पारीक, रामनारायण शर्मा,आचार्यअंशु शर्मा, दिनेश पांडे, राघव पांडे, अनमोल, पं.नंदकिशोर योगिराज योगी सहित देश भर से पधारे व नगर के गणमान्य साहित्यकार व विचारक उपस्थित थे।
प्रान्त महामंत्री करण सिंह बेनीवाल ने बताया कि रात्रि को कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा तथा 5 सितंबर को दूसरे दिन के तकनीकी सत्रों का प्रारम्भ प्रातः नो बजे से शुरू हो जाएगा।