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बीकानेर,श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों शूटर्स पुलिस की गिरफ्त में हैं. पांच दिन बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब रही.

दोनों शूटर्स का भागने में साथ देने वाले उधम सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. शूटर रोहित राठौर और नितिन फौजी सुखदेव की हत्या करने के बाद जयपुर से होते हुए डीडवाना-सुजानगढ़-धारूहेड़ा तक पहुंचे. फिर वे आगे बस से मनाली पहुंचे. इसके बाद वापस चंडीगढ़ के सेक्टर-22 आ गए. लेकिन पुलिस की होशियारी से वे दोनों अपनी तीसरे साथी संग पकड़े गए. जब पुलिस ने 22 साल के हत्यारोपी नितिन से पूछताछ की तो वो जल्द ही टूट गया. उसने हत्याकांड की पूरी कहानी पुलिस को बताई.

कनाडा भेजने का दिया था नितिन को लालच

आरोपी नितिन ने पुलिस के सामने इस बात को कबूला कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा के कहने पर ही उसने सुखदेव को मारा था. उसने बताया कि नवंबर के अंत में वह रोहित गोदारा और उसके राइट हैंड वीरेंद्र चरण के सहयोगी रोनी राजपूत के संपर्क में आया था. उससे पहले वो उन्हें नहीं जानता था. उसने यह भी माना कि उसकी सुखदेव से कोई दुश्मनी नहीं थी. बस जब वो 9 नवंबर को घर से गाड़ी ठीक करवाने के लिए निकला था तो एक फर्जी चोरी के मामले में फंस गया था. उसके साथियों को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन वह हरियाणा पुलिस पर उस समय फायरिंग करते हुए भाग निकला था. फिर कहीं न कहीं उसके मन में यह बात बैठ गई थी कि अब उसकी नौकरी भी जाएगी और घर वाले भी उससे रिश्ता खत्म कर देंगे.

रोहित राठौर और नितिन फौजी.

रोनी का ऑफर, लॉरेंस गैंग में एंट्री

ऐसे में जब रोनी ने उसे ऑफर दिया कि वो उसे कनाडा भेज सकता है. लेकिन इसके लिए उसे रोहित गोदारा की मदद करनी होगी. नितिन ने कहा कि वो उसकी बात में आ गया और सुखदेव की हत्या करने के प्लान में शामिल हो गया.

उधर, हरियाणा पुलिस की मानें तो नितिन का इससे पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. 10 नवंबर को महेंद्रगढ़ में नितिन ने कुलदीप राठी और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर प्रताप उर्फ गोविंद शर्मा नामक शख्स का अपहरण किया था. लेकिन समय रहते गांव वालों ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी. साथ ही खुद गाड़ी का पीछा करके गोविंद को अपहरणकर्ताओं से छुड़वा लिया. लेकिन कुलदीप और उसके दो साथियों को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन नितिन उन्हें गच्चा देकर वहां से भाग गया.

रोहित गोदारा.

दो दिन की छुट्टी लेकर आया था घर

बता दें, नितिन महेंद्रगढ़ के दौंगड़ा का रहने वाला है. उसने 8 नंवबर को सेना की ड्यूटी से दो दिन की छुट्टी ली थी. लेकिन वो वापस नहीं आया. पुलिस के मुताबिक, वह पांच साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. वर्तमान में वह अलवर में तैनात है. पिछले महीने यानि 8 नवंबर को नितिन दो दिन की छुट्टी मांगकर अपने घर आया था. लेकिन उसके बाद वह पलटन वापस लौटा ही नहीं. नितिन के पिता की मानें तो वह एक ही दिन घर में रहा. 9 नवंबर को वह घर से यह कहकर निकला कि उसे अपनी गाड़ी ठीक करवानी है. लेकिन इसके बाद न तो वो घर आया और न ही परिवार वालों से उसकी कोई बात हुई.

नितिन फौजी और उधम सिंह.

नितिन का भाई भी सेना में

फिर 6 दिसंबर को पता चला कि सुखदेव हत्याकांड का एक शूटर कोई और नहीं बल्कि नितिन फौजी है तो उसके परिवार वाले और गांव वाले हैरान रह गए. पड़ोसियों से बात की गई तो पता चला कि नितिन फौजी के पिता अशोक कुमार भी आर्मी से रिटायर्ड पर्सन हैं. नितिन फौजी की शादी 1 साल पूर्व बहरोड में हुई थी. उसका भाई भी सेना में ही है. जब से नितिन के हत्याकांड में शामिल होने की बात पता चली तो परिवार काफी परेशान है. पिता अशोक कुमार किसी से भी बात नहीं कर रहे हैं. बस इतना ही कहा कि उनकी 9 नवंबर के बाद बेटे से कई बात नहीं हुई.

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी.

सीसीटीवी में कैद हुई थी हत्या की वारदात

उल्लेखनीय है कि नितिन और रोहित राठौर ने 5 दिसंबर को सुखदेव गोगामेड़ी की उन्ही के घर के अंदर घुसकर हत्या कर डाली. फिर वहां से फरार हो गए. लेकिन उनकी यह करतूत सीसीटीवी में कैद हो गई. यही नहीं, जिस कपड़ा व्यापारी के साथ वे लोग सुखदेव के घर आए थे, उसे भी उन्होंने मार डाला. साथ ही सुखदेव के गार्ड को भी गोली मारकर घायल कर दिया. अब नितिन, रोहित राठौर और उनके एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है.

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