बीकानेर, राजस्थान नर्सेज सयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 47 दिन तक चले राज्यव्यापी आन्दोलन को संघर्ष समिति ने 1 सितम्बर को अति मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के वार्ता में सहमती होने पर 15 दिवस के लिए स्थगित किया था परंतु आज 25 दिन बीत जाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा सहमति सिद्ध नर्सेज मांगो को उचित समाधान नही करके नर्सेज संवर्ग के साथ धोखा किया है जिसके चलते सयुक्त संघर्ष समिति ने पुनः 29 सितम्बर से राजधानी जयपुर में सवाई मानसिंह सिंह चिकित्सालय के गेट नंबर तीन पर क्रमिक अनशन प्रारंभ करके आंदोलन का आगाज किया ।
नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने क्रमिक अनशन को 30 सितम्बर से आमरण अनशन में परिवर्तित करते हुए सबसे पहले राज नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के प्रांतीय सयोजक राजेंद्र राणा और नर्सेज नेता के के यादव की अगवाई में आमरण अनशन प्रारम्भ किया जो आज तीसरे दिन अनवरत जारी है ।
नर्सेज सयुक्त संघर्ष समिति बीकानेर के सयोजक छोटूराम चौधरी, सुशील यादव , रामनिवास गोदारा, रविन्द्र विश्नोई, श्रवण विश्नोई, ज्योति पुनिया और प्रांतीय समिति सदस्य धन्नाराम नैन की अगवाई में 02 अक्टूबर गांधी जयंती पर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी की तस्वीर पुष्पांजलि अर्पित करके बीकानेर जिले में पीबीएम अस्पताल स्थित गोल पार्क में नर्सेज साथियो ने सामूहिक उपवास प्रारम्भ किया जिसमे संघर्ष सयोजकों के साथ नर्सेज नेता महिपाल चौधरी, अमित वशिष्ठ, नरेंद्र यादव, राजेंद्र बिजारनिया, मनजीत,महावीर गोदारा, कपिल कटारिया, प्रेम, सुनील छींपा, गणपत , नरेंद्र सहित अन्य नर्सेज ने भाग लिया।
संघर्ष सयोजक छोटूराम चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने जल्द ही सहमती सिद्ध मांगो का उचित निस्तारण नहीं किया तो राज्यव्यापी आन्दोलन को तेज किया किया जायेगा जिससे आमजन को होने वाली परेशानी के लिया सरकार जिम्मेदार होगी ।
संघर्ष समिति की संरक्षक श्रवण कुमार वर्मा ने बताया नर्सेज का आंदोलन 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर जारी था जिसमे मुख्य रुप से संविदा एवम निविदा भर्ती के नाम पर नर्सेज का शोषण बंद हो तथा समस्त संविदा कर्मियों को सरकार नियमित करे ओर उनके संविदा सेवा काल का नोशनल लाभ दिया जाए, नर्सेज वेतन विसंगति, संविदा नर्सेज का नियमितीकरण, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना , प्राथमिक उपचार का अधिकार, कैडररिव्यू, समयबद पदोन्नति, नर्सिंग ट्यूटर ए एन एम एल एच वी का पदनाम परिवर्तन, नर्सिंग छात्रों के स्टाई फंड में वृद्धि सहित अन्य मांगे पर विभागीय अधिकारियों की सहमती बनी थी परन्तु एक मात्र नर्सेज के ड्रेस परिवर्तन के आदेश करके नर्सेज को गुमराह किया जिससे समस्त नर्सेज में आक्रोश है ।