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बीकानेर, इस बार मानसून ने पश्चिमी राजस्थान के किसानों को दोहरा तोहफा दिया है।हिमाचल और पंजाब में अच्छी बारिश के बाद न सिर्फ किसानों के खेतों में भारी बारिश हुई है, नहरों में पानी की कोई कमी नहीं है। हिमाचल प्रदेश के डेमो में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा पानी है,जिससे किसान चार में से दो बार पानी की आस छोड़ गए हैं।

पश्चिमी राजस्थान में भाखड़ा, पोंग और पंडोह बांधों से पानी पहुंचता है। तीनों बांधों में पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक पानी है। पिछले साल नहर प्रबंधन ने नहर को चार हिस्सों में बांट दिया और किसानों की मांग के बावजूद दो बार पानी नहीं दिया। तब पानी की कमी बताई गई लेकिन इस बार पानी कम नहीं है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि चार में से दो बारी पानी मिल जाएगा।

पिछले दो दिनों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो भाखड़ा बांध, पौंग और पंडोह बांध में पानी की आय अच्छी है। ऐसे में अगर अभी पानी दिया जाए तो यह क्षमता फिर से हासिल की जा सकती है। वर्तमान में भाखड़ा बांध में 50 हजार 747 क्यूसेक पानी आ रहा है जबकि पिछले साल यह प्रवाह 34 हजार 30 क्यूसेक था। दूसरी ओर बांध से निकासी पहले की तुलना में कम है। पिछले साल इन दिनों 20 हजार 522 क्यूसेक पानी मिला था, जबकि वर्तमान में 19 हजार 227 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है।

लगभग यही स्थिति पोंग डैम की है। पिछले साल जहां इन दिनों 17 हजार 193 क्यूसेक पानी आया था, वहीं इस साल यह तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 62 हजार 693 क्यूसेक पानी हो गया है। पिछले साल इस समय तेरह हजार क्यूसेक पानी आ रहा था लेकिन इस बार निकासी नौ हजार क्यूसेक ही है। पंडोल बांध में भी पानी पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। पिछले साल इन दिनों 16 हजार 564 क्यूसेक पानी मिला था, जबकि इस बार यह बढ़कर 37 हजार 491 क्यूसेक हो गया है। पिछले साल इन दिनों सात हजार 758 क्यूसेक की निकासी की गई थी लेकिन इस बार निकासी बढ़ गई है। यहां करीब 26 हजार क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है।

पश्चिमी राजस्थान के इन जिलों को लाभ

इंदिरा गांधी नहर में पानी आने से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर के किसान सिंचाई के लिए पानी मिलने की उम्मीद कर सकते हैं।

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