
बीकानेर, संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने बताया कि एसएसपी एक फाॅस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें कि 16 प्रतिशत फाॅस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पायी जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहन एवं दलहन फसलों के लिये अन्य उर्वरकों की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है।
*कृषक एसएसपी ही क्यों खरीदे ?*
सहायक निदेशक कृषि उद्यानिकी मुकेश गहलोत ने बताया कि एसएसपी उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फाॅस्फोरस एवं 9 किलो नत्रजन पायी जाती है। फसलों में फाॅस्फोरस, नत्रजन एवं सल्फर न्यूट्रेन्ट्स उपलब्ध करवाने के लिये डीएपी +सल्फर के विकल्प के रूप में यदि एसएसपी + यूरिया का उपयोग किया जाता है, तो डीएपी + सल्फर से कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फाॅस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिये *विकल्प-1 (1 बैग डीएपी + 16 कि.ग्रा. सल्फर)* के विकल्प के रूप में *(विकल्प-2) 3 बैग एसएसपी + 1 बैग यूरिया* का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फाॅस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।
जहां विकल्प-1 का लागत मूल्य 2950 रूपये है वहीं विकल्प-2 का लागत मूल्य 1617 रूपये है। यानि किसान विकल्प-2 एसएसपी एवं यूरिया का प्रयोग करें व पाये अधिक गुणवत्ता उर्वरक, कम दाम में। कृषकों को सलाह दी जाती है कि विकल्प-2 के अनुसार डीएपी के स्थान पर एसएसपी एवं यूरिया का प्रयोग करें।