बीकानेर,राजस्थान का किसान परेशान है। पहले मौसम की मार अब सरकार की उपेक्षा का शिकार है। इन दिनों कृषि उपज मंडी में फसलों की आवक हो रही है ,लेकिन बारदाने के अभाव में तुलाई नहीं हो पा रही। बीकानेर ही नहीं बल्कि आसपास की पूगल, छतरगढ़, कोलायत तथा नोखा व श्रीडूंगरगढ़ मंडियों में भी बारदाने की कमी है। बीकानेर में लगभग 2 लाख बारदाने की जरूरत है, लेकिन आपूर्ति सिर्फ 10 से 15000 की हो पा रही है। बारदाना केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र सरकार का उपक्रम नैफेड बारदाना उपलब्ध करवाता है। राजफेड की ओर से डिमांड के अनुसार नैफेड बारदाना भेजता है। किसानों ने बताया की 2 महीने से बारदाने की काफी किल्लत है। जहां 2 लाख बोरियों की जरूरत है वहां 10 15000 ही बोरियां ही भेजी गई है। क्रय विक्रय समिति श्रीकोलायत के चेयरमैन हरीराम सिहाग ने बताया की उन्होंने राजफेड को डिमांड भेज रखी है। राजफेड को इस बारे में कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन अभी तक पर्याप्त बारदाना नहीं भेजा गया। मंडी में फसल की आवक लगातार जारी है। कृषि मंडी के बाहर फसलों से लदे वाहनों की कतार लगी हुई है। अब किसानों को इंतजार है बारदाने का।
किसानों का कहना है की टोकन तो काट दिए गए, लेकिन फसल की तुलाई नहीं कर रहे। इसके अलावा सरसों की खरीद में भी भेदभाव बरता जा रहा है। किसानों ने कहा की सरसों में लाल दाना और काला दाना मिक्स है ,लेकिन कृषि उपज मंडी के अधिकारी मिक्स फसल को नहीं ले रहे हैं। किसानों ने बताया कि क्षेत्रों में खेतों में मिट्टी के कारण फसल का रंग अलग अलग होता है। किसानों का कहना है कि सिर्फ रंग के कारण किसी भी फसल को रिजेक्ट करना सही बात नहीं है जितनी फसल मंडी में आई है उसे पूरा तोला जाना चाहिए।