बीकानेर,बीकानेर इंदिरा गांधी नहर परियोजना की पुगल शाखा के किसानों ने खाजूवाला अनुमंडल कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया और नहर टूटने की स्थिति में किसानों को अतिरिक्त सिंचाई पानी और नहरों को फिर से लाइन करने की मांग को लेकर धरना दिया.किसान नेता सहब्रम गोदारा के नेतृत्व में पूगल शाखा के अंतिम छोर के किसानों ने उदासीनता व लापरवाही को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर सिंचाई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है. नहर विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया। किसानों का आरोप है कि पूर्व में नहर टूटने से बड़ी संख्या में किसानों की बारी आई है. ऐसे में फसल बर्बाद होने के कगार पर है। नहर विभाग के अधिकारियों से नए सिरे से टर्न तय करने की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब पूगल शाखा के तीन किसान बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम खजुवाला तहसीलदार गिरधारी सिंह को ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें किसानों ने मांग की है कि जिन किसानों के खेत पूगल शाखा टूटने से पानी से वंचित हो गए हैं, वे तीन दिनों तक नहर में 300 क्यूसेक पानी चलाकर नुकसान की भरपाई करें, ताकि कमी के कारण फसल जल जाए. सिंचाई के पानी को बचाया जा सकता है। इसके अलावा पूगल शाखा के सभी वितरकों और नाबालिगों को जल्द से जल्द री-लाइनिंग शुरू करने की मांग की गई है. ताकि किसानों को टेल तक नियमित पानी मिल सके। वहीं पूगल शाखा के किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी रखते हुए किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो उन्होंने चेतावनी दी है कि अधिक संख्या में किसान आमरण अनशन पर बैठेंगे. इस दौरान सहब्रमगोदारा, राजपाल भंभू, पत्रम, तुलचाराम, भंवरलाल, सुभाष ज्ञानी, मांगिलाल वर्मा, राजू नेहरा, हरिराम भंभू, अमर सिंह, रामप्रताप, राकेश भादु सहित टेल के किसान मौजूद थे.अनूपगढ़ शाखा से निकलने वाली केजेडी नहर के गुल्लूवाली क्षेत्र के किसानों ने भी मंगलवार को सिंचाई विभाग कार्यालय खाजूवाला पर प्रदर्शन किया. किसान भादर गोदारा के नेतृत्व में केजेडी नहर के 29 केजेडी और 30 केजेडी के काश्तकारों ने नहर के कीड़ों में लगी एपीएम मशीन में तकनीकी डिजाइन की खामी की जांच कर किसानों को पूरा पानी दिलाने की मांग की है. इस संबंध में किसानों ने खाजूवाला सिंचाई विभाग के एक्सईएन ओमप्रकाश को ज्ञापन सौंपा. जिसमें 29 केजेडी और 30 केजेडी नहरों ने मोघों पर लगी एपीएम मशीन को बदलने की मांग की है. किसानों का आरोप है कि नहर में काफी ऊंचाई पर मशीन लगाने से 3 इंच पानी खाली हो रहा है. इसलिए सिंचाई में भी खेतों में पानी कम पहुंच रहा है और आने वाले दिनों में मोघों में पानी कम होने पर किसानों को पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसलिए किसानों ने एपीएम मशीन की तकनीकी डिजाइन त्रुटि की जांच कर दोबारा लगाने की मांग की है ताकि किसानों को पहले की तरह पूरा पानी मिल सके. इस दौरान मानसिंह, प्रकाश सिंह, जगदीश, प्रीतम सिंह, लालू राम, दशरथ, रामकरण, हंसराज आदि किसान मौजूद थे.
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