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बीकानेर,विधानसभा सत्र के दौरान कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने कहा किसानों की आय दुगनी करने के लिए गांव के स्तर पर ही प्रयास किये जाए, किसानों का कच्चा माल गांव के बाहर नहीं जाकर उसकी प्रोसेसिंग, पैकेजिंग व मार्केटिंग का कार्य गांव के स्तर पर ही हो तो किसानों की आय दुगनी हो सकती है। इसके लिए प्राचीन भारत के कुटीर उद्योगों को पनपाने की आवश्यकता है। कुटीर उद्योगों को वापिस धरातल पर लाने के लिए सरकार के स्तर पर गम्भीर प्रयास होने चाहिए ।

भाटी ने कहा कच्चा माल अनाज, दाल इत्यादि की पैकिंग, तिलहन से तेल निकालने का कार्य व पशुपालन में दूध, दही, छाछ, मक्खन, क्रीम, चीज की पैकिंग जैसे बाई प्रोडेक्ट तैयार करने के लिए 50-50 किसानों के समूह बनाये जाए केसीसी कर तरह एक वर्ष तक बिना ब्याज ऋण व अनुदान पर मिनी प्रोसेसिंग प्लांट गांव में ही लगे व सरकार इसकी मार्केटिंग में मदद करें । भाटी ने कहा मॉडल के तौर पर पहले वर्ष पांच ग्राम पंचायतों में प्रशासन के सहयोग से यह प्रयोग लागू किया जावें इसके बाद सुधार देखने पर पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाए यदि ईमानदारी से यह प्रयास किए जाए तो तीन वर्ष में चार बीघा सिंचित भूमि का काश्तकार करोड़पति बन जाएगा । भाटी ने कहा बड़ी-बड़ी कम्पनियां मूंगफली का दस ग्राम का पैकेट 10 रूपये में बेचती है जबकि किसान का मुंगफली व चना 5 से साढे पांच हजार रूपये क्विंटल के भाव से बिकता है। मात्र पैकेजिंग से यही चीज एक लाख रूपये क्विंटल में बिक जाती है। पांच-छः माह मेहनत करने के बाद किसान के हाथ में कुछ नहीं रहता जबकि बड़ी-बड़ी कम्पनियां तगड़ा मुनाफा कमाती है। यदि इस संबंध में गम्भीर प्रयास किये जाए तो किसानों की आय दुगनी हो सकती है।

विधायक भाटी ने कहा राजस्थान का गौरव राज्य वृक्ष खेजड़ी मरूस्थल के पर्यावरण संतुलन के लिए उपयोगी वृक्ष है । पशुपालन, कृषि और जैव विविधता के संरक्षण व आजीविका का महत्वपूर्ण हिस्सा है । यह वृक्ष मिट्टी की उर्वरकता बनाये रखने में अहम भूमिका निभाता रहा है। छपनिया अकाल के समय खेजड़ी ने मरूस्थल के लोगों की जान बचायी लेकिन वर्तमान में सोलर माफिया सोलर कम्पनियों के माध्यम से हजारों
बीघा जमीन पर खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई कर रहे है लेकिन उनके ऊपर कोई लगाम नहीं है मौके पर हजारों खेजड़ी कट चुकी है लेकिन पटवारी व गिरदावरों के आंकड़ों में यह संख्या शून्य है । विधायक भाटी ने खेजड़ी संरक्षण व कटाई रोकने के लिए एक नीति बनाने जिसमें एक के बदले दस खेजड़ी वृक्ष लगाने व खेजड़ी कटाई पर यूएई की तरह कठोर नियम/कानून बनाने की आवश्यकता जताई।

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