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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के सुनियोजित खेती विकास केंद्र द्वारा शुक्रवार को खाजूवाला के 7 पी.एच.एम. ग्राम पंचायत में सूक्ष्म सिंचाई की तकनीक विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। राष्ट्रीय सुनियोजित कृषि एवं बागवानी समिति, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस प्रशिक्षण में एसकेआरएयू- के विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न जानकारियां दी गई।कृषि महाविद्यालय बीकानेर के
इंजीनियर जितेंद्र गौड़ ने ड्रिप सिंचाई,फव्वारा सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई तथा रेनगन सिंचाई के महत्व, स्थापना व रखरखाव आदि विषयों के संबंध में विस्तार से बताया। उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ. जे.के. तिवारी ने बताया कि बागवानी फसलों में पंक्ति में बोई जाने वाली फसलों के लिए ड्रिप सिंचाई सबसे उत्तम विधि है , इसके माध्यम से पानी के साथ उर्वरक भी दिए जा सकते हैं और जल बचत के साथ अधिक पैदावार ली जा सकती है। ग्राम पंचायत के ओम प्रकाश जयपाल ने कृषि में जल बचत पर जोर दिया। कृषि पर्यवेक्षक शिव भगवान ने उद्यान विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा अनुदान के बारे में जानकारी दी। कृषि पर्यवेक्षक दीपक कुमार ने सिंचाई पाइपलाइन, खेत तलाई और डिग्गी योजना के बारे में बताया। प्रशिक्षण में 30 किसानों ने भाग लिया। इस दौरान किसानों की जिज्ञासाओं के प्रतिउत्तर भी दिए गए।