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बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा माननीय राज्यपाल महोदय की पहल “विश्वविद्यालय सामाजिक उत्तरदायित्व” के तहत गोद लिए गांव कावनी में शुक्रवार को जल संरक्षण पर कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत ने बताया कि वर्षा ऋतु के प्रारंभ होने के साथ ही वर्षा जल के संचयन, संरक्षण एवं सुनियोजित उपयोग को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रशिक्षण में उपनिदेशक कृषि अनुसंधान इंजीनियर जितेंद्र गौड़ ने वर्षा से प्राप्त होने वाले जल के आंकलन, खेत तलाई, जल हौज, डिग्गी में जल संग्रहण, जल वहन हेतु पाइप लाइन स्कीम एवं सूक्ष्म सिंचाई विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अतिरिक्त निदेशक अनुसंधान डॉ. पी.सी. गुप्ता ने भूमि में नमी संरक्षण हेतु समय पर गुडाई तथा मल्चिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। ड़ॉ. रणवीर यादव ने भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ाने हेतु देशी खाद के उपयोग तथा ढलान वाली भूमि में ढ़ाल के लम्बवत मेडें बनाकर जल के बहाव को रोककर नमी संचयन की जानकारी दी। इस अवसर पर किसानों को खरीफ 2023 में बाजरे की बुवाई के लिए अखिल भारतीय बाजरा अनुसन्धान परियोजना अन्तर्गत प्रक्षेत्र प्रदर्शन के लिये आर.एच.बी.- 223 बीज का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दुर्गा सिंह राठौड़ ने भी कम पानी चाहने वाली फसल किस्मों को अपनाने की राय दी।

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