बीकानेर,नाबार्ड द्वारा सोमवार को होटल सागर पैलेस में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने नाबार्ड द्वारा किये जा रहे कार्यो की चर्चा की और कहा कि किसान उत्पादक संगठन, किसानों को उनके उत्पादों के सही मूल्य दिलाने का सबसे उचित माध्यम है। इससे किसानों की आय को एकजुटता के साथ बढाया जा सकता है।
कार्यशाला में बीकानेर, हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, चूरु, झुन्झुनू तथा सीकर के किसान उत्पादक संगठन के बोर्ड सदस्यों तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भागीदारी निभाई। राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय की सुमन कुमारी ने किसान उत्पादक संगठन की व्यापारिक गतिविधियों को प्रारंभ करने से लेकर किसानों की आय बढ़ाने तथा बैंकों के साथ जुड़कर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की विधि की जानकारी दी। इस दौरान किसान उत्पादक संगठनों को नाबार्ड की सहायक संस्था नैबकिसान द्वारा प्रदान कि जा रही सेवाओं की जानकारी प्रवीण मीणा ने दी। स्वामी केशवानंद कृषि विश्विद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र ने वेल्यू एडिशन तथा प्राकृतिक कृषि को एफपीओ के सहयोगी के रुप में समझाया और प्राकृतिक खेती के लाभ को किसानों तक पहुंचाने के लिए केवीके तथा कृषि भूमिका की भूमिका पर प्रकाश डाला। सीए नंद किशोर बजाज, ने किसान उत्पादक संगठन के नियम अनुरूप किये जाने वाले कंपलायंस तथा नाबार्ड व भारत सरकार की किसानों के लिए योजनाओं के बारे में जानकारी दी। सरकारी योजनाओं में एफपीओं की भूमिका बढाने के लिए प्रेरित किया। बीकानेर केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंधक निदेशक रणवीर सिंह ने सरकार की किसान उत्पादक संगठन तथा सहकारी समितियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, रमेश तांबिया ने किसान उत्पादक संगठन कि अवधारणा तथा किसान उत्पादक संगठनों को जमीनी स्तर से किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ईफको-कृभको तथा राजूवास के साथ किसानों की आय बढाने के उपायों की जानकारी दी।