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बीकानेर, कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ परिवार कल्याण व मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता के साथ सुदृढ़ किया जाए। राज्य स्तर से निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देते हुए समयबद्ध तरीके से हासिल किया जाए। ये कहना था स्वास्थ्य निदेशालय जयपुर से आए निदेशक आरसीएच डॉ लक्ष्मण सिंह ओला का। वे शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में परिवार कल्याण व आरसीएच गतिविधियों की संभाग स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना नियंत्रण में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दिए गए योगदान की सराहना की और तीसरी लहर को लगभग सामने मानते हुए तैयारियों के निर्देश दिए। उन्होंने चारों जिलों में ऑक्सीजन प्लांट निर्माण प्रगति, दवाओं की उपलब्धता, रेंडम सैंपलिंग व ट्रेनिंग की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने परिवार कल्याण सेवाओं में गुणवत्ता को उच्चतर मानकों पर साधे रखने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला के दौरान केक काटकर निदेशक डॉ. ओला का जन्मदिन भी मनाया गया।
परियोजना निदेशक परिवार कल्याण डॉ गिरीश द्विवेदी द्वारा 2 बच्चों पर नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, अंतरा इंजेक्टेबल, छाया व अन्य परिवार कल्याण साधनों में चारों जिलों की तुलनात्मक समीक्षा की गई। उन्होंने नॉन परफोर्मिंग अधिकारीयों, कार्मिकों व आशा सहयोगिनियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आशा कार्यक्रम, पीसीटीएस व एचआईएमएस सॉफ्टवेयर डेटा शुद्धता पर भी प्रेजेंटेशन दी। संयुक्त निदेशक बीकानेर जोन डॉ देवेंद्र चौधरी ने परिवार कल्याण कार्यक्रम की महता प्रतिपादित करते हुए वार्षिक इएलए की समयबद्ध उपलब्धि के लिए अधिकाधिक कार्मिकों को प्रशिक्षित करवाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि संभाग हमेशा से परिवार कल्याण कार्यक्रम में अग्रणी रहा है जिसे बनाए रखना है। उपनिदेशक डॉ राहुल हर्ष द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन में पेरिफरी स्तर पर आ रही समस्याओं का समाधान करवाया गया। कार्यकारी सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने आरसीएच गतिविधियों में जिले की प्रगति से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि जिला एएनसी पंजीकरण में राज्य भर में 5 वे, परिवार कल्याण में 7 वे और संस्थागत प्रसव में 9 वे स्थान पर है। डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ योगेन्द्र तनेजा ने परिवार कल्याण सेवाओं के तहत बीकानेर जिले में किए जा रहे नवाचारों व प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने पुरुष सहभागिता सम्मेलनों के आयोजन की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।
कार्यशाला में निदेशालय जयपुर के परियोजना अधिकारी एफडब्ल्यू मनोज जांगिड़, आईपीई ग्लोबल के सचिन कोठारी, यूएनएफपीए के कृष्ण गोपाल सोनी, डीपीएम सुशील कुमार, डीएनओ मनीष गोस्वामी, एएसओ नवनीत आचार्य, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ अनुरोध तिवारी, यूएनडीपी के योगेश शर्मा, श्रीगंगानगर, चूरू व हनुमानगढ़ जिलों के अतिरिक्त सीएमएचओ, आरसीएचओ व ब्लॉक सीएमओ, परिवार कल्याण से जुड़े गायनेकोलोजिस्ट व सर्जन मौजूद रहे।

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