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बीकानेर.सुजानगढ़. बीकानेर संभाग के चूरू जिले में सुजानगढ़ तहसील के गांव कानूता के पास शनिवार शाम को चूरू पुलिस ने नकली नोट के साथ दो जनों को पकड़ा। हालांकि, उनका एक साथी फरार होने में कामयाब हो गया। आरोपी कलर प्रिंटर के जरिए असली नोटों की फोटोकॉपी करते और उसमें चमकीली टेप लगा कर हूबहू असली जैसा बना देते थे। इनके कब्जे से एक कलर प्रिंटर, नोट कटिंग करने वाले कटर सहित कई उपकरण बरामद हुए हैं। पुलिस ने बाइक व कार भी जब्त कर ली है।

ऐसे दबोचे गए

पुलिस अधीक्षक को मुखबिर से सूचना मिली थी कि क्षेत्र में नकली नोटों का कारोबार चल रहा है। करीब एक महीने से टीम जुटी हुई थी। शनिवार शाम को कानूता से तेलाप जाने वाली कच्ची सड़क पर एक बाइक व कार में सवार तीन युवक नकली नोट लेकर सुजानगढ़ की तरफ आ रहे थे। चूरू पुलिस टीम ने इनका पीछा कर दबोचा। बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश के मुताबिक, दो युवकों को पुलिस ने दबोच लिया, जबकि उनका एक साथी फरार होने में कामयाब रहा। पकड़े गए युवकों के कब्जे से एक लाख 23 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए, जिनमें 200 के 601 नोट व 100 के 29 नोट शामिल थे। युवकों की पहचान पखाटू बड़ी थाना क्षेत्र के कसारी निवासी गोपाल (32) पुत्र भंवरलाल जाट, नागौर के जायल थाना क्षेत्र के धारणा निवासी प्रह्लाद स्वामी (24) पुत्र सीताराम के रूप में हुई, जबकि कार की ड्राइवर सीट पर बैठा जायल निवासी प्रह्लाद बटेसर फरार हो गया।

बीकानेर में पिछले दिनों हो चुकी है गिरफ्तारी
पिछले दिनों कोटगेट पुलिस ने जाली नोट गिरोह से जुड़े मनोज को बीकानेर से व लुधियाना से कुलदीप को दबोचा था। उनसे पूछताछ के दौरान पता चला कि मुक्तसर पंजाब के बादल गांव निवासी मंदीप सिंह पुत्र अवतार सिंह भी इनके नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। जाली नोटों के साथ पकड़े गए मनोज ने मंदीप को जाली नोटों की खेप भेजी थी। मामले की जांच कर रहे कोटगेट के एसआई राजेन्द्र ने बताया कि मंदीप को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया है, जिसे रविवार को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। गौरतलब है कि बीकानेर में तीन करोड़ के जाली नोटकांड का खुलासा करने वाली पुलिस कडि़यों की तलाश में जुटी हुई है। छह सितंबर को 29 हजार 600 रुपए के नकली नोट के साथ मनोज पकड़ा गया। उसके बाद लुधियाना से कुलदीप की गिरफ्तारी हुई। माना जा रहा है कि चूरू का मामला भी इसी कड़ी से जुड़ा हो सकता है।

सोशल मीडिया से आए थे संपर्क में

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बताया कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। मनोज कुलदीप से पहले भी कागज मंगवा चुका है। मनोज लुधियाना से कागज मंगवा कर नकली नोट छापने वाले गिरोह को सप्लाई करता था। मनोज ने मंदीप को नकली नोटों की सप्लाई की थी। अब पुलिस यह जानने में लगी है कि आरोपी मनोज ने बीकानेर में किस-किस को नकली नोट और इम्पाेर्टेड कागज सप्लाई किया था।

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