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बीकानेर बैंकों में कटे-फटे नोटों की आड़ में फर्जी और नकली नोट जमा कराने का फिर एक मामला सामने आया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह खुलासा भी किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की माने तो बैंकों में जमा हुए रुपयों में भारी मात्रा में नकली नोट मिले हैं। इस संदर्भ में जयपुर शाखा के प्रबंधक जगदीश चन्द्र पारीक की रिपोर्ट पर जयपुर में एफआइआर दर्ज हुई जो वहां से स्थानांतरित होकर कोटगेट थाने में आई है। उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि

यूं आ रहे पकड़ में

बीकानेर से नोट एक तिजोरी में रख कर आरबीआई को भेजे जाते हैं। करीब छह माह पहले भेजी गई एक तिजोरी में 24 नोट नकली पाए गए। इस संदर्भ में आरबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अब फिर बीकानेर से गई तिजोरी में 28 नोट नकली मिले हैं।

अप्रैल, 18 से जुलाई 2021 के बीच नकली नोट बीकानेर की विभिन्न बैंकों में जमा हुए हैं। आरबीआइ में गंदे नोटों के प्रेषण के परीक्षण के दौरान 28 नकली नोट पकड़ में आए। कोटगेट सीआइ मनोज माचरा ने बताया कि प्रबंधक की ओर से
जयपुर के गांधीनगर थाना में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज कराई थी जहां से इसे कोटगेट थाने में ट्रांसफर किया गया। मामले की जांच उपनिरीक्षक राजेन्द्र कुमार को सौंपी
गई है।

पहले भी दर्ज है मामला

बैंकों में कटे-फटे व गंदे नोटों की आड़ में पहले भी नकली नोट जमा हुए हैं। आरबीआइ में नोटों को नष्ट करने से पहले छंटाई के दौरान छह महीने पहले यह खुलासा हुआ था। तब भी जयपुर में एफआईआर दर्ज होकर बीकानेर के कोटगेट थाने में ट्रांसफर हुई थी। ठीक उसी प्रकार अब फिर आरबीआइ की ओर से नकली व फर्जी नोट जमा होने का मामला दर्ज कराया गया है।

आरबीआइ को
गिरोह पर शक

आरबीआइ को लगातार नकली नोट मिलने के मामले में किसी गिरोह पर शक है। आरबीआइ का मानना है कि बैंकों में होने वाली राशि एक जगह पर एकत्रित होती है।

इसके बाद एक साथ तिजोरी में भरकर आरबीआई को भेजी
जाती है। आरबीआइ को आशंका है कि कोई गिरोह नकली नोटों को बैंकों में पहुंचाते हैं और वहां पर ही असली नोटों के बंडल में नकली नोटों को डाला जा रहा है। यही वजह है कि अब लगातार नकली नोट मिल रहे हैं जो चिंता की बात है।

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