
बीकानेर,आदर्श विद्या मन्दिर, लूणकरणसर में 5 वें दिन श्री राम कथा में पं. घेवरचंद सारस्वत “शाश्वतानंद” ने श्रीराम-भरत मिलाप प्रसंग को बहुत ही मार्मिक ढंग से बताया। कथा के माध्यम से समाज फैली कुरीतियाँ जैसे अशिक्षा, छुआछूत, भेदभाव, का जमकर विरोध करते हुए समरसता का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हमारे खान-पान, रहन-सहन में बहुत परिवर्तन हुआ जिसके कारण हम भयानक बीमारियों से ग्रस्त हैं। यदि हमें स्वस्थ रहना है तो पुनः अपने स्वदेशी घर में बने खाद्य पदार्थों को अपनाना होगा। उन्होंने बताया कि माता- पिता की सेवा का फल सभी तीर्थों से बढकर है।कथा में संगीत कार श्री महेंद्र कुमार गौड़ ने भक्ति गीत प्रस्तुत किए।