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बीकानेर, ‘वेदांता–टूर डी थार’ की पूर्व संध्या पर शनिवार को देश और दुनिया के विषय विशेषज्ञों ने थार सस्टेनेबिलिटी सहित इससे जुड़े अनेक मुद्दों पर मंथन किया।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की पहल पर जिला परिषद सभागार में आयोजित ‘थार सस्टेनेबिलिटी समिट’
की शुरुआत फ्रांस के पियर गर्बाड के ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण अनुकूलन पर तथा सस्टेनेबिलिटी स्टोरी टेलर एलिना मर्लिन ने बात रखी। समिट के दौरान केंद्रीय मंत्री मेघवाल के विजन के अनुसार थार सस्टेनेबिलिटी, इको सिस्टम, जलवायु परिवर्तन के परिणामों पर चर्चा के साथ डेजर्ट टूरिज्म की संभावनाओं पर मंथन हुआ।
इसके बाद आयोजित सत्रों में ‘हेरिटेज एंड आइडेंटिटी: बीकानेर थ्रू द एजेस” विषय स्वामी समानंद गिरि और डॉ. विमल कुमार गहलोत ने व्याख्यान दिया। स्वामी समानंद ने आध्यात्मिक चेतना से जुड़े तथ्य रखे। वहीं गहलोत ने बीकानेर की ऐतिहासिक पहचान, सांस्कृतिक धरोहर और मरुस्थलीय समाज के विकास पर प्रस्तुतीकरण दिया। ‘क्लाइमेट चेंज एंड बायोडायवर्सिटी ऑफ द थार’ पर सत्र में मौसम वैज्ञानिक श्री लक्ष्मण सिंह राठौड़ और विशेषज्ञ सौरभ सर्राफ थार के संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर चर्चा की।
‘कल्चर, आर्ट एंड टूरिज्म सोशियो इकॉनॉमिक विज़न फ़ॉर बीकानेर’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय पैनल चर्चा होगी। इसमें स्विट्ज़रलैंड में कार्यरत समाज वैज्ञानिक डॉ. रश्मि राय रावत और ने बीकानेर की कला, परंपरा, हेरिटेज और क्रिएटिव अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर विचार रखे। इस दौरान हेरिटेज संरक्षण, मरुस्थलीय जीवन, कला–संस्कृति और पर्यटन से जुड़े विषयों पर मंथन किया गया। आईसीएआर-सीआईएएच के निदेशक (उद्यानिकी) डॉ.जगदीश राणा ने भी व्याख्यान दिया। कार्यक्रम समन्वयक श्री गणेश गुड़ी ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वक्ताओं का परिचय दिया तथा समिट के उद्देश्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलम जैन ने किया।
इस दौरान राजस्थान प्राच्य विद्या मंदिर प्रतिष्ठान निदेशक डॉ नितिन गोयल, डॉ. चंद्र शेखर श्रीमाली, गिरिराज खेरीवाल, गोपाल जोशी, अभिषेक गौतम, गणेश सियाग सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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