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बीकानेर जिला शतरंज संघ के तत्वाधान में बीकानेर में चलाये जा रहे प्रशिक्षण के आज दूसरे दिन पूर्व राज्य चैम्पियन संदीप जैन एंव राज्य ब्लिच्ड चैम्पियन योगेश स्वामी ने एक साथ 26 बाल शातिरों के साथ खेल कर उनकी खेल प्रतिभा को कसौटी पर लगा कर आंकलन किया। आज प्रशिक्षण शिविर के व्यवस्थाप एंव मुख्य प्रशिक्षक श्री रामकुमार ने बताया कि बाल शातिरों के ओपनिंग, मिडिल गेम मूलभूत सिद्धान्तों के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा उम्मेद सिंह, कपिल पंवार, अनिल बोडा आदि ने भी बच्चों को खेल की बारीकीयों से अवगत करवाया।
आज योगेश स्वामी ने एक साथ 26 बच्चों के साथ (साईमल) खेल कर बताया कि तमन्ना छाबडा, तनुषा झा ने जिस प्रकार का खेल दिखाया वह खेल के प्रति ही नही वरन उनके जुझारूपन को प्रदर्शित करता है। वहीं संदीप जैने ने बताया कि बच्चों को अलग अलग शैली के प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण के द्वारा बच्चों का शतरंज में चहुंमुखी विकास होगा।
अब तक प्रशिक्षको को प्रभावित करने वाले खिलाडियों में यशवर्धन स्वामी, रूहानी राजपाल, तमन्ना छाबडा, तनुषा झा, अवतार दाधीच, विनय, वासूदेव रहे। वंही मात्र आठ वर्षीय विराट शंकर, भव्य अग्रवाल, देवांश वैध व एकलव्य गोस्वामी ने शतरंज के प्रति अपनी लगन से प्रशिक्षकों का ध्यान विशेष रूप से अपनी ओर आकृषित किया।
मुख्य प्रशिक्षको द्वारा किये गये आंकलन के अनुसार आगामी दिनों के प्रशिक्षण खिलाडीयों की योग्यता के अनूरूप तय किया जाकर जारी रखा जायेगा ताकि खिलाडियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
प्रशिक्षण शिविर के कॉर्डीनेटर शैलेष गुप्ता ने बताया कि कल बच्चों के आपस में मुकाबले करवाये जायेगें जिसमें 5 चक्र होगें और उनके परिणामों के आधार पर उनके के प्रशिक्षण स्तर को आगे बढाया जायेगा।
इससे पूर्व कल जिला शतरंज संघ के तत्वाधान में निशुल्क प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष महेश शर्मा चेयरमेन स्थायी लोक अदालत, बीकानेर के द्वारा मोहरा चल कर किया गया।
इस कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में श्री महेश शर्मा चेयरमेन स्थायी लोक अदालत, बीकानेर ने कहा कि आज के इस मोबाईल युग में बच्चों का बालपन मोबाईल के कारण कहीं गुम सा हो गया है इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मोबाईल से दूर करने एंव उनका समग्र विकास करने का प्रयास है।
वंही मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर ने बताया कि हम राज्य शतरंज संघ के साथ मिल कर स्कूलों में शतरंज को प्रारम्भ करने की योजना पर कार्य कर रहे है। जो जल्दी ही मूर्तरूप लेगी।
इसके बाद शतरंज के भीष्म पितामह कहे जाने वाले एस एल हर्ष ने कहा कि हम स्कूलों में शतरंज को बढावा देने एंव बच्चों को उनके बालपन से जोडे रखने के लिए यह प्रशिक्षण शिविर पहला कदम है। इसके अतिरिक्त शतरंज संघ सरकार के साथ चैस इन स्कूल प्रोग्राम को जल्द ही लागू किया जायेगा।

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