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जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालविया, रामलाल जाट और महेश जोशी को मंत्री पद की शपथ दिलाई। हेमाराम चौधरी ने राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। वहीं, मंत्रिमंडल के पुर्नगठन के तहत नए मंत्रियों के शपथ लेने से पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी विधायकों की बैठक हुई। मंत्रिमंडल में 15 नए मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्रिमंडल विस्तार में 11 कैबिनेट मंत्री व चार राज्य मंत्री हैं। कैबिनेट में 12 नए चेहरे शामिल हुए हैं, जिसमें पांच चेहरे सचिन पायलट खेमे के हैं। इधर, कैबिनेट फेरबदल पर कांग्रेस विधायक शफिया जुबैर ने कहा कि महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण नहीं मिला। वहीं, टीकाराम पर कांग्रेस में ही विरोध शुरू हो गया है।
अशोक गहलोत बोले, जो मंत्री नहीं बन पाए उनकी अहमियत कम नहीं हुई
इस बीच, अशोक गहलोत ने कहा जिन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सका, उनकी अहमियत कम नहीं हुई है। इधर, अशोक गहलोत ट्वीट में लिखा कि राजस्थान सरकार के मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सभी विधायकगणों को शुभकामनाएं। पिछले 35 महीने में हमारी सरकार ने प्रदेश को संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह सुशासन देने का कार्य किया है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमारी सरकार ने प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है।
गहलोत बोले, 2023 में फिर बनाएंगे राजस्थान में सरकार
गहलोत ने कहा कि हम सब एकजुटता के साथ कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की नीति, विचारधारा व कार्यक्रम को आम जनता तक लेकर जाएंगे व विकास के एजेंडे पर फिर 2023 के विधानसभा चुनाव को जीतकर पुन: राजस्थान में सरकार बनाएंगे। हमारे कार्यकाल में हुए विधानसभा उपचुनावों व स्थानीय निकायों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाकर जनता ने हमारी सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है। हम सभी को आने वाले समय में भी जनता के इस विश्वास को बनाए रखने का है। इसके लिए पूरी मेहनत व समर्पण के साथ कार्य जारी रखना है।
सचिन पायलट ने कही ये बात
इस बीच, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि नई कैबिनेट में चार दलित मंत्रियों को जगह दी गई है। हमारी पार्टी चाहती है कि दलित, उपेक्षित, पिछड़े लोगों का प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए। काफी समय से हमारी सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं था, अब भरपाई की है। आदिवासियों का भी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया।

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