बीकानेर,आज महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय के द्वारा “राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अपेक्षाएं व उनकी पूर्ति: समग्र मूल्य आधारित शिक्षा” विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह ने कहा की नई शिक्षा नीति में मौजूदा शिक्षा व्यस्था में व्याप्त कमियों को पहचानकर भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने के लिए कई ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई गई है । सत्य, धर्म, शांति, प्रेम, अहिंसा, वैज्ञानिक दृष्टि, नागरिक मूल्य, जीवन कौशल तथा सेवा जैसे निर्धारक तत्वों का समावेश करते हुए नई शिक्षा नीति संपूर्ण राष्ट्रीय चेतना की अभिव्यक्ति करती है ।
विस्तार व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर एच. डी. चारण, पूर्व कुलपति, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त किए । उन्होंने छात्रों का समग्र विकास व जीवन मूल्य केंद्रित शिक्षा के मंत्र को प्रतिपादित करते हुए कहा कि ये ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल अवधारणा है । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति स्वामी विवेकानंद जी कथित “शिक्षा का मूल उद्देश्य मानव के अंदर व्याप्त शुद्ध शक्ति का प्रकटीकरण है” को समाए हुए है । अपनी विचार श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए प्रोफेसर चारण ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसे छात्रों को तैयार करेगी जो न्यायपूर्ण व समतामूलक समाज के निर्माण में सहायक होंगे । उन्होंने वर्तमान में मूल्य शिक्षा, मूल्य आधारित पाठ्यक्रम, तथा सामाजिक संबंधों पर आधारित व्यक्ति निर्माण की आवश्यकता को विस्तारपूर्वक समझाते हुए कहा कि नई शिक्षा निति मानवीय जीवन का प्रगति के पथ पर अग्रषित कर समाज को ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी । उन्होंने कहा की भारत में भी भूटान की भांति समाज व जीवन की प्रगति सकल घरेलू उत्पाद के बजाए खुशी सूचकांक से निर्धारित की जानी चाहिए ।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. अभिषेक वशिष्ठ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति समाज में पुनर्जागरण अवश्य लाएगी क्योंकि निश्चित तौर पर यह ऐसी शिक्षा प्रणाली का सृजन करेगी जो मानव को मनुष्य बनाने वाली होगी मशीन नहीं । कार्यक्रम का संचालन सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रगति सोबती ने किया । उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो राजाराम चोयल, शोध निदेशक डॉ. रविन्द्र मंगल, उप कुलसचिव डॉ.बिट्ठल बिस्सा, समस्त शिक्षक एवं विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित रहे ।