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बीकानेर,गहलोत सरकार के कार्यकाल का अब महज डेढ़ साल बचा है, लेकिन बीकानेर में नगर विकास न्यास चैयरमेन की नियुक्ति का मामला अभी तक अधर झूल में अटका हुआ है। अब गहलोत सरकार के बचे डेढ़ साल में ज्यादातर समय चुनावी तैयारियों में बीतने के कारण बीकानेर में न्यास चैयरमेन के लिए एडी से चोटी का जोर लगाने वाले नेताओं का भी जोश अब ठंडा पड़ने लगा है। जानकारी में रहे कि राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों राजनीतिक नियुक्ति का पिटारा खोला, लेकिन बीकानेर में नगर विकास न्यास चेयरमैन पद पर नियुक्ति नहीं की गई। हालांकि राज्य सरकार स्तर पर न्यास चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिए एक्सरसाइज पूरी कर ली मगर नियुक्ति की घोषणा अभी तक नहीं की है। इस एक्सरसाइज में पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर का नाम सबसे प्रमुखता पर सामने आया था, लेकिन उम्र दराज होने के कारण उनका नाम दावेदारों की दौड़ से बाहर हो गया और पार्टी हाईकमान का फोकस अब किसी उर्जावान चेहरे पर है।

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो आगामी सप्ताह न्यास चैयरमेन की घोषणा करने की तैयारी है। जानकारी में रहे कि यूआईटी चेयरमैन पद को लेकर सियासी नेताओं में सबसे ज्यादा आकर्षण रहता है। शहर के विकास में बड़ी भूमिका होने से सत्तारूढ़ दल के अनेक नेता इस पद पर नियुक्ति पाने दौड़ में शामिल है, लेकिन समय बीतने के बाद भी इस पद पर सरकार की ओर से नियुक्ति किए जाने के कारण कई दमदार दावेदार न्यास चैयरमेनशीप की दौड़ से बाहर हो गए। सूत्रों के अनुसार यूआईटी चेयरमैन पद की कतार में अब दो- तीन दावेदार ही हैं। इनमें से किस के सिर न्यास चैयरमेन का ताज सजेगा इसे लेकर कांग्रेसी हल्कों में चर्चाओं का माहौल गरम है।

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