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बीकानेर,जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि ‘माटी’ के तहत चयनित 1250 किसान, अभियान के ब्रांड एंबेसेडर हैं। यह किसान अभियान के सभी कंपोनेंट्स अपनाएं तथा आय और उत्पादन में बढ़ौतरी की मिसाल पेश करें। जिला कलेक्टर बुधवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के डीएचआरडी सभागार में आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय कृषक सेमिनार ‘उच्च तकनीकी उद्यानिकी’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ‘माटी’ अभियान का उद्देश्य किसानों को परंपरागत खेती के स्थान पर नई तकनीकों से जोड़ना है, जिससे खेती की लागत मूल्य में कमी आए तथा आय एवं उत्पादन बढ़े।

जिला कलेक्टर ने कहा कि मिट्टी का एक-एक कण सोना होता है। इसका समुचित उपयोग सुनिश्चित करते हुए किसान अतिरिक्त लाभ हासिल करें। उन्होंने आय वृद्धि में पशुपालन और उद्यानिकी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि अभियान के सभी कंपोनेंट्स अपनाते हुए किसान मिसाल पेश करें। अभियान के एंबेसडर के रूप में काम करते हुए यह किसान, अभियान की जानकारी सभी जिले के सभी किसानों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा अभियान के तहत होने वाले लाभ का एक हिस्सा ‘कोऑपरेटिव फार्मिंग’ के इन्वेस्ट करें, जिससे नई तकनीकों की जानकारी किसानों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि माटी अभियान के तहत चयनित किसानों के खेतों का अवलोकन अन्य किसानों को करवाया जाएगा।
उद्यानिकी विभाग के संयुक्त निदेशक हरलाल सिंह बिजारणिया ने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों के व्याख्यान जाएंगे होंगे। उन्होंने बताया कि सेमिनार में जिले के 150 किसानों भाग ले रहे हैं।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी ने आभार जताया और माटी अभियान के तहत अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी।

इस दौरान सीएडी के परियोजना निदेशक सत्यनारायण, सीआईएच के निदेशक जगदीश राणे, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (अनुसंधान) डॉ. प्रकाश सिंह शेखावत, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय निदेशक (प्रसार शिक्षा) डाॅ राजेश कुमार धुडिया, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ वीरेंद्र नेत्रा, सहायक निदेशक (उद्यान) रेणु वर्मा व भैराराम गोदारा, कृषि अधिकारी सीताराम, विजयकुमार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।

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