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बीकानेर,गरीबी रेखा से भी नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए भले ही सरकार की ओर से तमाम योजनाएं चल रही हो, लेकिन इसका लाभ जरूरतमंदों तक कितना पहुंच रहा है, यह घुमंतु, अर्द्ध घुमंतु और विमंतु परिवारों के हाल से देखा जा सकता है।

करीब आठ साल पहले शहर में जिन घुमंतु, अर्द्ध घुमंतु और विमंतु परिवारों को उनके आवास के लिए नगर विकास न्यास ने लॉटरी निकालकर भूखंड़ो का आवंटन किया था, अब तक इन परिवारों को न भूखंड मिल पाए है और न ही न पट्टे वर्षों से ये परिवार ठौर की आस में ही जी रहे हैं।

दिलचस्प तथ्य यह है कि कांग्रेस की पिछली सरकार यानी 2013 में इस योजना की घोषणा की गई थी। वह सरकार तो चुनाव हारने के चलते पांच साल के लिए सत्ता से बाहर हो गई।अब फिर से कांग्रेस की सरकार दोबारा से सत्ता में आई है और उसे आए हुए भी तीन साल का समय बीत चुका है, लेकिन अपने पिछले कार्यकाल में किए वादे और आदेश को प्रदेश सरकार अब तक भी पूरा नहीं कर पाई है।

लॉटरी से 488 आवेदकों को आवंटन

न्यास ने अक्टूबर 2013 में प्राप्त आवेदनों में पात्र पाए गए आवेदकों में ने से लाटरी के माध्यम से 488 आवेदकों को केन्द्रीय जेल से आगे जयपुर बाइपास रोड की ओर भूसाड़ों का आवंटन किया था। भूखंड आवंटन से घुमंतु अर्द्ध घुमंतु और विमंतु परिवारों को अपने आवास की उम्मीद जगी थी, लेकिन आठ साल बाद भी न्यास ने इन आवेदकों को न जमीन का कब्जा दिया है और ना ही पट्टे न्यास की ओर से मुरबा नंबर 135/ 41 से किला नंबर 125 चक 496 150 आरडीएल की भूमि पर घुमंतु परिवारों को भूखंडों का आवंटन किया गया था।

1796 आवेदन पात्र पाए

न्यास ने राज्य सरकार के दिसंबर 2012 के आदेश की पालना में आवेदन आमंत्रित किए थे प्रत्येक पात्र परिवार को 15 गुणा 30 साइज के भूखंडों का आवंटन किया जाना था करीब 10 हजार आवेदन पत्र न्यास को प्राप्त हुए। कमेटी ने 1793 आवेदन पत्रों को पात्रता के योग्य पाया अक्टूबर 2013 में प्रथम चरण में निकाली गई लॉटरी में 488

भूखंडो का आवंटन किया था। जल्द मिले भूखंड

घुमंतु अर्द्ध घुमंतु और विमंतु परिवारों के आशियानों के लिए संघर्ष कर रहे अधिवक्ता जयनारायण व्यास का कहना है कि प्रदेश सरकार के आदेश और लॉटरी निकलने के बाद भी भूखंड व पट्टे नहीं मिला दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न्यास को नहीं है। उदासीनता के चलते जरूरतमंद परिवारों को उनके हक से वंचित रखा जा रहा है।

लॉटरी निकाली, भूखंड आवंटित किए

नगर विकास न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष मकसूद अहमद का कहना है कि 2013 में लॉटरी निकाली गई थी। 488 परिवारों को लॉटरी के माध्यम से भूखंड नंबर भी आवंटित कर दिए थे। इसी दौरान आचार संहिता लगने से यह कार्य रुक गया। कुछ समय और मिलता तो भूखंडों का कब्जा देने के साथ पट्टे भी जारी हो जाते।

इनका कहना है

मामला करीब नौ साल पुराना है। फाइल देखकर ही पूरी जानकारी दी जा सकती है। इस समय में बीकानेर से बाहर हूँ। बीकानेर आने पर पूरी जानकारी दे सकूँगा।

नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित, सचिव नगर विकास न्यास

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