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बीकानेर,चुनाव की डेट करीब आते ही राजस्थान की राजनीति ने दिलचस्प मोड़ ले लिया है. जनसरोकार के मुद्दों से हटकर अब राजनेता राम और रावण का नाम लेकर एक-दूसरे का चरित्र हनन कर रहे हैं.

कल जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रावण कह दिया तो तुरंत मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, ‘हां मैं रावण हूं. तुम राम बनकर दिखाओ भईया.’

सीएम गहलोत ने कहा कि पुरुषोत्तम राम बनना आसान है क्या? पहले पीड़ितों का पैसा वापस दिला दो फिर आगे बात करना. राजस्थान की राजनीति में अचानक से हुई राम और रावण की एंट्री से यहां हर कोई हैरान है. आखिर इसके पीछे की कहानी क्या है? आगे अभी किन-किन पात्रों की एंट्री होने वाली है?

‘हनुमान’ यहां पहले से मौजूद
राजस्थान की राजनीति में जब रामायण काल की बात हो रही है तो राम, रावण के बाद हनुमान की चर्चा भी होने लगी है. हालांकि, यहां की राजनीति में पहले से ही हनुमान बेनीवाल मौजूद हैं. पिछले दिनों हनुमान जयंती पर हनुमान बेनीवाल को गदा भी भेंट की गई थी. हनुमान बेनीवाल अभी किसी दल के साथ नहीं हैं, वह अकेले ही अपनी पार्टी के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

चुनाव प्रचार में राम मंदिर की भी हो सकती है चर्चा
जानकारों का कहना है कि चुनाव में राममंदिर की चर्चा खूब होने वाली है क्योंकि त्रिपुरा के चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह ने राममंदिर के बनकर तैयार होने की डेट भी बता दी थी, ऐसे में राम मंदिर की चर्चा यहां पर तेज होने के आसार हैं. कांग्रेस, बीजेपी व अन्य दलों ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है. जल्द ही इसके परिणाम भी दिखाई देंगे.

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