खाजूवाला,अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में सटीक बैठती है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खाजूवाला के सीमावर्ती क्षेत्र में सरकारी गाइडलाइन के अनुसार बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध है। वहीं वास्तविकता इससे कोसों दूर है। क्षेत्र में अगर नजर डालें तो यहां बड़ी तादाद में लोग काम करने के लिए हर साल आते हैं। जिनका रेकॉर्ड न तो पुलिस के पास और न ही प्रशासन के पास है। ये लोग हर साल नियमों को ताक में रखकर सीमावर्ती क्षेत्र में आते हैं, काम करते हैं और फिर चले जाते है। प्रशासन जानकारी होने के बावजूद आंखे मूंदे बैठा है। जिले के इस सीमावर्ती क्षेत्र में बाहरी राज्यों के लोगों के लिए प्रवेश निषेध है। यहां बाहरी व्यक्ति को आना होता है तो वह उपखण्ड कार्यालय से अनुमति लेता है। उपखण्ड अधिकारी सम्बन्धित व्यक्ति की जिला मुख्यालय पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सूचना मांगते है। इसके बाद वह सूचना पुलिस थाने आती है। यदि कोई आपराधिक मामला नहीं होता है तो उसे प्रवेश के लिए अनुमति मिलती है। लेकिन ये बाहरी लोग न तो उपखण्ड कार्यालय से अनुमति लेते है व न ही पुलिस से अनुमति लेते हैं।
करीब एक वर्ष पूर्व खाजूवाला के सीमावर्ती क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से हेरोईन तस्करी की वारदात हो चुकी है। इसका आरोपी सुरेन्द्र भी खेतों में मजदूर बनकर आया था और पूरे क्षेत्र की रैकी कर गया। इसके बाद उसने तस्करी की घटना को अंजाम दिया। हालांकि बीएसएफ की सजगता के चलते करोड़ों रुपए की हेरोईन पकड़ी गई। फिर बाद में आरोपी भी पकड़ा गया।
जिले में बाहर से आकर रहने वालों का बीट कांस्टेबल से सर्वे करवाया जाता है। पिछले दिनों एक सर्वे भी हुआ था। यदि कोई फैक्ट्री मालिक वेरीफेकशन के लिए सूचित करता है तो उसकी जांच की जाती है। सभी को वेरीफिकेशन करवाना अनिवार्य है। इसको लेकर थानाधिकारियों ने निर्देश दिए हैं। – योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक